Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तकनीक कंपनियों के लिए आइपीओ नियमों में एक और बदलाव संभव, प्रक्रियाओं को और ज्यादा पारदर्शी बनाने की पहल

    By Jagran NewsEdited By: Amit Singh
    Updated: Sun, 06 Nov 2022 11:47 PM (IST)

    वैश्विक बाजार में हाल के महीनों की अस्थिरता के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने जिस तरह का दम दिखाया है उससे इस बात की संभावना बनी है कि घरेलू बाजार से पैसा जुटाने में बड़ी संख्या में नई तकनीक आधारित कंपनियां आगे आएंगी।

    Hero Image
    आइपीओ नियमों में एक और बदलाव संभव

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: वैश्विक बाजार में हाल के महीनों की अस्थिरता के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने जिस तरह का दम दिखाया है उससे इस बात की संभावना बनी है कि घरेलू बाजार से पैसा जुटाने में बड़ी संख्या में नई तकनीक आधारित कंपनियां आगे आएंगी। बाजार की नियामक एजेंसी सेबी ने इस संभावना को भांपते हुए वैसे तो कुछ महीने पहले ही आरंभिक पब्लिक आफर (आइपीओ) लाने वाली कंपनियों के लिए नियामक एजेंसी को जानकारी देने संबंधी नियमों को काफी बदला है लेकिन अब जानकारी है कि सेबी कुछ और नये नियम लाने की तैयारी हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सेबी को सभी जानकारियां देने का है नियम

    नये नियमों का उद्देश्य यही है कि टेक्नोलोजी से जुड़ी कंपनियां जब शेयर बाजार में प्रवेश करें तो उन्हें अपने-अपने कारोबार से जुड़ी हर तरह की जानकारी सेबी को देनी पड़े और साथ ही किस आधार पर शेयर की कीमत तय की जा रही है, इसके बारे में भी और विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाए। दरअसल, पिछले दिनों देश की सभी नियामक एजेंसियों के आला अधिकारियों और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक में मौजूदा वैश्विक परिवेश और देश की इकोनोमी व पूंजी बाजार पर इसके संभावित असर को लेकर बैठक हुई थी। इसमें सेबी की तरफ से बताया गया था कि 30 सितंबर, 2022 को उसकी बोर्ड की बैठक में किस तरह से बाजार में प्रवेश करने वाली कंपनियों के लिए नए नियम लागू किये गये हैं।

    पूर्व में जुटाये फंड की देनी होगी जानकारी

    नये नियमों के तहत आइपीओ लाने वाली कंपनियों के लिए पूर्व में जुटाये गये फंड से जुड़ी सारी जानकारी और निर्गमित होने वाले शेयरों की कीमत तय करने में इनकी भूमिका को लेकर भी जानकारी मांगने का प्रावधान है। बैठक में शामिल दूसरे नियामक एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने इस पर संतुष्टि जताई है लेकिन यह भी कहा है कि जिस तरह से बाजार के सारे समीकरण बदल रहे हैं उसे देखते हुए कम से कम तकनीक से जुड़ी कंपनियों के नियमों को ज्यादा पारदर्शीन बनाने की जरुरत है। इस पर सेबी को कुछ सुझाव भी दिए गए हैं। जिसे सेबी की तरफ से अमल में लाने का आश्वासन दिया गया है।

    नये यूनीकार्न की बढ़ती संख्या पर दे ध्यान

    सेबी को कहा गया है कि भारत में नये यूनीकार्न की बढ़ती संख्या पर ध्यान रखना चाहिए। ऐसा अनुमान है कि बहुत सारे यूनीकार्न आने वाले समय में भारतीय बाजार में प्रवेश करेंगी। ऐसे में पूर्व के अनुभव से सीख लेते हुए अभी से ऐसे नियम लागू किये जाने चाहिए जिससे निवेशकों का भरोसा भी बढ़े और बाजार में आइपीओ लाने की प्रक्रिया भी पारदर्शी हो। बताते चलें कि पिछले दो वर्षों के दौरान भारतीय शेयर बाजार में कुछ बड़ी तकनीक आधारित कंपनियों के आइपीओ में निवेशकों ने भारी उत्साह दिखाया है लेकिन कई कंपनियों में निवेशकों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ा है। सूचीबद्ध होने के बाद कई महीने बीत जाने के बावजूद कंपनियों के भाव अभी उनके आवंटन या निर्गम मूल्य के बराबर नहीं पहुंच सके हैं।