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Amazon-Future डील फिर पड़ी खटाई में, ई-कॉमर्स कंपनी के खिलाफ एक और शिकायत

फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के स्वतंत्र निदेशकों ने पिछले हफ्ते अमेजन से यह पूछा था कि क्या वह 29 जनवरी को देय 3500 करोड़ रुपये के कर्ज भुगतान पर चूक रोकने के लिए दीर्घावधि कर्ज देने को इच्छुक हैं?

By Ashish DeepEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 01:55 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 01:55 PM (IST)
Amazon-Future डील फिर पड़ी खटाई में, ई-कॉमर्स कंपनी के खिलाफ एक और शिकायत
एफआरएल को 3,500 करोड़ रुपये के कर्ज की किस्त 29 जनवरी को चुकानी है।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। फ्यूचर रिटेल (Future Retail) के स्वतंत्र निदेशकों ने कंपनी को ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन की वित्तीय सहयोग की पेशकश को ठुकरा दिया है। अमेजन ने निजी इक्विटी फर्म समारा कैपिटल के साथ एक सौदे के जरिये फ्यूचर रिटेल को वित्तीय मदद की पेशकश की है। फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के स्वतंत्र निदेशकों ने पिछले हफ्ते अमेजन से यह पूछा था कि क्या वह 29 जनवरी को देय 3,500 करोड़ रुपये के कर्ज भुगतान पर चूक रोकने के लिए दीर्घावधि कर्ज देने को इच्छुक हैं? इसके जवाब में अमेजन ने कहा था कि वह समारा कैपिटल के जरिये फ्यूचर रिटेल को वित्तीय मदद देने को तैयार है।

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इस पर फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के स्वतंत्र निदेशकों ने कहा है कि अमेजन ने चूक से बचने के लिए फौरी तौर पर देय रकम फ्यूचर रिटेल के समक्ष नहीं रखी है। उन्होंने यह जानना चाहा है कि अमेजन क्या समारा कैपिटल की तरफ से काम कर सकती है?

फ्यूचर रिटेल के स्वतंत्र निदेशक रवींद्र धारीवाल ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि अगर अमेजन वास्तव में उनकी कंपनी की मदद करना चाहती है तो उसे वित्तीय समर्थन का पूरा ढांचा पेश करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक यह पेशकश कानूनी तौर पर सही नहीं होती है, हम उसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं।’’

एफआरएल को 3,500 करोड़ रुपये के कर्ज की किस्त 29 जनवरी को चुकानी है। अगर वह यह बकाया कर्ज नहीं चुका पाती है, तो इसे एनपीए घोषित कर दिया जाएगा और फिर दिवालिया प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है।

दूसरी तरफ व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अमेजन के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) में शिकायत की है। इसमें अमेजन पर भारत में मोर रिटेल स्टोर के अधिग्रहण की मंजूरी पाने के लिए धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। कैट ने कहा कि मोर रिटेल के मामले में भी अमेजन ने उसी तरह की धोखाधड़ी की और गुमराह करने वाले तथ्य पेश किए जैसा उसने फ्यूचर रिटेल के साथ सौदे के समय किया था।

कैट ने कहा कि यह अमेजन का भारत में खुदरा व्यापार और ‘इन्वेंट्री-आधारित’ ई-कॉमर्स पर धोखाधड़ी से कब्जा करने का प्रयास है। कैट ने कहा कि अमेजन के मोर रिटेल लिमिटेड के अधिग्रहण के लिए गलत तरीका अपनाने से यह उजागर होता है कि अमेजन ने मोर रिटेल के मामले में सीसीआई के साथ वही धोखाधड़ी की, जैसा उसने फ्यूचर समूह के मामले में किया था।


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