Airbus Summit 2025: भारत बना एयरबस के लिए उभरता बाजार, Indigo और Air India से मिले 1300 से ज्यादा ऑर्डर
एयरबस के सीईओ ने कहा भारत इंजीनियरिंग आईटी सिस्टम और सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में वास्तव में एक बेहतरीन भूमिका निभा रहा है मुझे लगता है कि यही वह जगह है जहां भारत दोनों तरफ से जीत की स्थिति में है। एयरबस प्रमुख ने कहा कि भारत में बहुत उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और नए हवाई अड्डों की संख्या को देखना काफी आश्चर्यजनक है।
आशुतोष झा, नई दिल्ली। भारतीय एविएशन इंडस्ट्री तेजी से विकसित हो रही है। ऐसे में यहां कंपनियों के लिए अपार संभावनाएं हैं। एयरबस के सीईओ गिलौम फाउरी ने भी भारत को विमानन उद्योग का तेजी से उभरता हुआ बाजार बताया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भारत से सेवाओं और कलपुर्जों की वार्षिक सोर्सिंग में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। वर्तमान में एयरबस भारत से हर साल 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सोर्सिंग कर रहा है, लेकिन 2030 से पहले यह आंकड़ा 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
फाउरी ने कहा कि भारत को अपनी ताकत और विशेषज्ञता पर काम करना चाहिए, खासकर इंजीनियरिंग, आईटी और सॉफ्टवेयर क्षेत्रों में, जिससे देश दोनों ओर से लाभान्वित हो सकता है। भारत में लगभग 700 एयरबस विमान संचालित हो रहे हैं और इंडिगो और एयर इंडिया जैसी कंपनियों ने 1,300 से अधिक विमानों का ऑर्डर दिया है, जो भारत को एयरबस के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बनाता है।
उन्होंने कहा कि कंपनी भारत से सोर्सिंग बढ़ा रही है। ये सोर्सिंग सभी क्षेत्रों में बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। जिसमें पार्ट्स, सब-सिस्टम निर्माण, एयरफ्रेम और अत्यधिक लोड किए गए घटक शामिल हैं।
तेजी से उभर रही इंडियन एविएशन इंडस्ट्री
एयरबस के सीईओ ने मंगलवार को टूलूज में हुई एयरबस समिट 2025 के दौरान भारतीय पत्रकारों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि हम आपूर्ति आधार बढ़ा रहे हैं, हम आज भारत से 1.2 से 1.3 बिलियन अमरीकी डॉलर (घटक और सेवाओं के मूल्य) खरीद रहे हैं और 2030 से पहले हम लगभग 2 बिलियन अमरीकी डॉलर पर होंगे।
इसकी वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक एयरबस की भारत में महत्वपूर्ण उपस्थिति है, इसके विभिन्न साइटों पर 3,600 से अधिक कर्मचारी हैं और इसकी आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से 15,000 से अधिक नौकरियों दी गई है।
भारत में शुरू की मैन्युफैक्चरिंग
पिछले साल, एयरबस ने अपने A220 फैमिली एयरक्राफ्ट के दरवाजे बनाने और असेंबल करने का ठेका बेंगलुरु स्थित डायनामैटिक टेक्नोलॉजीज को दिया था।
एयरबस के सीईओ ने कहा, "भारत इंजीनियरिंग, आईटी, सिस्टम और सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में वास्तव में एक बेहतरीन भूमिका निभा रहा है, मुझे लगता है कि यही वह जगह है जहां भारत दोनों तरफ से जीत की स्थिति में है।" एयरबस प्रमुख ने कहा कि भारत में बहुत उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और नए हवाई अड्डों की संख्या को देखना काफी आश्चर्यजनक है।
उन्होंने कहा कि भारत ऐसा स्थान है जहां विकास का पैमाना सबसे तेज है। एयरबस में हमारी चुनौती भारत में विमानन उद्योग के विकास की गति का समर्थन करना है...भारत का विकास पथ दुनिया के विकास पथ से काफी आगे है उन्होंने कहा कि चुनौतियां विशेषज्ञता, मानव संसाधन, भर्ती, प्रशिक्षण...(और विकास को सर्वोत्तम संभव परिस्थितियों में बनाए रखने) से संबंधित हैं। आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं के बारे में, जिसके कारण मांग अधिक होने पर विमान डिलीवरी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है, फाउरी ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला की स्थिति बेहतर हो रही है।
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