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    टिकट होने के बावजूद एयरलाइंस नहीं दे रही हैं सीट, यात्रियों को करना पड़ रहा है अलग से भुगतान: सर्वे

    यात्रियों को सुविधा देने के नाम विमान कंपनियां तरह-तरह के चार्ज वसूल करती हैं। एक निजी सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि ज्यादातर यात्रियों को सीट के लिए अलग पैसे देने पड़ते हैं। हर तीन से एक यात्री को इसके लिए भुगतान करना पड़ता है।

    By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Mon, 17 Oct 2022 06:04 PM (IST)
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    air passengers had to pay extra for flight seats

    मुंबई, बिजनेस डेस्क। हवाई कंपनियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। एक सर्वेक्षण के अनुसार, टिकट होने के बावजूद विमान कंपनियां अधिकतर यात्रियों से सीट के पैसे अलग से ले रही हैं। सर्वे में यह बात सामने आई है कि मुफ्त सीट का विकल्प उपलब्ध नहीं होने के कारण पिछले 12 महीनों में लगभग एक तिहाई हवाई यात्रियों को उड़ान में सीटों के लिए अतिरिक्त पैसा देना पड़ा।

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    एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा किया गया यह सर्वेक्षण 351 जिलों के 30,000 लोगों पर आधारित है। सर्वे के अनुसार, लगभग 60 प्रतिशत लोगों ने पेड सीटों की संख्या को कुल सीटों 30 प्रतिशत तक सीमित करने के पक्ष में तर्क दिया।

    आपको बता दें कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने 2015 में हवाई सेवाओं को कैटेगरी के आधार पर अलग-अलग करने की घोषणा की थी, जिससे भारतीय एयरलाइनों को स्पेशल सीटों, सामान और अन्य सुविधाओं के साथ एयरलाइन लाउंज के उपयोग के लिए यात्रियों से अतिरिक्त शुल्क वसूल करने की अनुमति मिली थी।

    हर तीसरे व्यक्ति को सीट के लिए देना पड़ता है पैसा

    सर्वेक्षण में कहा गया है कि हर तीसरा व्यक्ति जिसने किसी एयरलाइन में टिकट बुक किया है, उसको मुफ्त सीट चुनने का विकल्प नहीं दिया गया। दरअसल हवाई उड़ानों में कुछ उपभोक्ता अपनी पसंद के अनुसार सीटें रिजर्व करना पसंद करते हैं। इसके लिए एयरलाइन कंपनियां 200-1,500 रुपये की अतिरिक्त राशि वसूल करती हैं।

    आगे की पंक्तियों और आपातकालीन सीटों के लिए अधिक मारामारी रहती है, क्योंकि वहां बैठने पर अधिक लेगरूम मिलता है। इसका मतलब है कि उपभोक्ता बुकिंग या वेब चेक-इन के दौरान अतिरिक्त भुगतान करके विमान में अपनी पसंदीदा सीटें आरक्षित कर सकते हैं।

    क्या होगा अगर ग्राहक सीट न खरीदना चाहे

    यदि उपभोक्ता पसंदीदा सीट नहीं खरीदना चाहता है तो यह एयरलाइंस की जिम्मेदारी हो जाती है कि वेब चेक-इन के दौरान ग्राहकों के लिए पर्याप्त मुफ्त सीटें उपलब्ध रहें। सर्वे में कहा गया है कि कई उपभोक्ता सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी शिकायत कर रहे हैं कि कुछ एयरलाइंस विमान में सभी सीटों के लिए शुल्क ले रही हैं। पिछले 12 महीनों में उड़ानें बुक करने वाले प्रत्येक तीन उपभोक्ताओं में से 2 को कम से कम एक बार सीट रिजर्व करने के लिए अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना पड़ता है।

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