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    चालू खातों से सफेद होती रही ब्लैक मनी, आरबीआई ने दिए बैंकों को दिए जांच के निर्देश

    By Surbhi JainEdited By:
    Updated: Tue, 22 Nov 2016 11:02 PM (IST)

    बैंकों ने ही सरकार की आंख में धूल झोंक कर नियम लागू होने के अगले कुछ ही दिनों के भीतर अरबों रुपये के काले धन को सफेद बना डाला

    नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो): सरकार ने काले धन पर काबू पाने के लिए आठ नवंबर को जब 500 और 1000 रुपये के नोटों पर पाबंदी लगाई, तो इसमें एक बड़ी भूमिका बैंकों को सौंपी गई। लेकिन इन बैंकों ने ही सरकार की आंख में धूल झोंक कर नियम लागू होने के अगले कुछ ही दिनों के भीतर अरबों रुपये के काले धन को सफेद बना डाला या उसे सिस्टम में ला दिया। इसके लिए चालू खाते यानी करंट अकाउंट को जरिया बनाया गया।

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    नोटबंदी के अगले तीन-चार दिनों तक चालू खाते में बैंकों ने न सिर्फ अरबों रुपये जमा किए, बल्कि उन्हें दूसरे खाते में इलेक्ट्रॉनिक भुगतान के तहत हस्तांतरित भी किया। मामले की भनक केंद्रीय बैंक को लगते-लगते एक हफ्ते का वक्त गुजर गया। इसके बाद पिछले शुक्रवार को आरबीआइ की तरफ से सभी बैंकों को निर्देश दिया गया कि वे चालू खाते की कड़ी निगरानी करें और काले धन को खपाने के उद्देश्य से हो रही गड़बड़ियों को सामने लाएं। इसके बाद कई बैंकों ने अपने-अपने शाखा प्रबंधकों को इस बारे में सख्त निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि हाल के दिनों में जिस तरह से चालू खाते के जरिये भारी राशि अचानक ही जमा कराई गई है, उससे इस धन के स्नोत को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इसलिए यह ब्रांच मैनेजरों की जिम्मेदारी है कि वे चालू खाते में जमा होने वाली राशि और उसके स्नोत होने को लेकर भी सुनिश्चित हो। बैंकिंग सूत्रों के मुताबिक जब नोटबंदी लागू की गई तब यह कहा गया था कि जितनी भी राशि कोई चाहे तो अपने बैंक खाते में जमा करा सकता है।

    चालू खाते रखने वाले कारोबारियों ने इसी उदारता का फायदा उठाया है। बैंक प्रबंधकों को अब साफ तौर पर कहा गया है कि वे चालू खाते से बड़ी राशि दूसरे बैंकों को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रांसफर करने में यादा सावधानी बरतें। यह देखा गया है कि पहले एक बैंक के चालू खाते में बड़ी राशि जमा कराई गई। फिर उसे दूसरे बैंको के खातों में ट्रांसफर किया गया। आगे चलकर उन खाते से पैसे भी निकाले जा चुके हैं। इस तरह की गतिविधियां बहुत बड़े पैमाने पर हुई हैं। यही वजह है कि शनिवार के बाद से ही बैंकों ने न सिर्फ चालू खाते में अचानक ही भारी भरकम राशि जमा करवाने आए ग्राहकों से पूछताछ शुरू कर दी है। किसी चालू खाते से दूसरे बैंक के किसी अनजान करंट अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने से भी बैंक अब मना कर रहे हैं।