Jaypee Group खरीद डील वेदांता के हाथों से क्यों फिसली, अदाणी फिर से कैसे बने बड़े दावेदार?
जेपी एसोसिएट के अधिग्रहण (Jaypee Associates acquisition) में वेदांता को पछाड़कर अदाणी एंटरप्राइजेज सबसे आगे है। वेदांता की 12,505 करोड़ की बोली के बावजूद, अदाणी की त्वरित भुगतान योजना ने उन्हें मजबूत दावेदार बना दिया है। ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने अदाणी की योजना को उच्च दर्जा दिया है, क्योंकि उन्होंने दो साल के भीतर भुगतान का प्रस्ताव रखा है। वेदांता ने कितने समय में किस्तों में भुगतान की बात कही है, जानते हैं।

जेपी समूह खरीद डील वेदांता के हाथ से क्यों फिसली?
जेपी एसोसिएट के अधिग्रहण (Jaypee Group acquisition) के साथ अब तक जो नाम वेदांता के साथ जुड़ रहा था उस पर विराम लगता हुआ नजर आ रहा है। इसे खरीदने के लिए फिर से अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड का नाम सबसे आगे हो गया है। अदाणी ग्रुप दिवाला प्रक्रिया के जरिये जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) का अधिग्रहण करने के लिए सबसे ऊंची बोली लगाने वाला बन सकता है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि वेदांता समूह ने तो सितंबर की शुरुआत में ही अदाणी समूह को पीछे छोड़ दिया था। वेदांता ने 12,505 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाकर बढ़त हासिल की थी। फिर क्यों उसके हाथ से यह खरीद डील फिसलती हुई नजर आ रही है।
ऐसा क्यों हो रहा है यहां हम आपको संभावित वजह बता रहे हैं।
सीलबंद लिफाफों में फिर क्यों पेश हुई नई योजना
जैसा कि जेपी एसोसिएट्स का कारोबार रियल एस्टेट, सीमेंट, ऊर्जा, होटल और सड़क निर्माण जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ हम सभी जानते हैं। डालमिया सीमेंट, जिंदल पावर और पीएनसी इन्फ्राटेक ने इस नीलामी प्रक्रिया में बोली लगाने की हिम्मत पहले ही छोड़ दी थी। बाद में लोन देने वालों ने बोली कीमत बढ़ाने और मिलने वाली रकम को बढ़ाने के लिए इन पांचों कंपनियों के साथ बातचीत की, जिसके बाद 14 अक्टूबर को इन पांच बोलीदाताओं ने सीलबंद लिफाफों में नई हस्ताक्षरित समाधान योजनाएं प्रस्तुत कीं।
सीलबंद लिफाफों में नई हस्ताक्षरित समाधान योजनाएं जेएएल की ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने पिछले हफ्ते इन व्यापक समाधान योजनाओं पर विचार-विमर्श करने तथा उनकी व्यवहार्यता का मूल्यांकन करने के लिए बैठक की थी।
नई योजना में डालमिया से भी वेदांता छूटा पीछे
उन्होंने सीओसी ने तय मानकों के आधार पर सभी समाधान योजनाओं का वैल्युएशन किया। इस प्रक्रिया में अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की योजना को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया, जबकि डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड दूसरे और वेदांता लिमिटेड तीसरे स्थान पर रहे।
अब समाधान योजना को अगले दो सप्ताह में सीओसी से मतदान के लिए रखा जा सकता है। डालमिया की योजनाओं में भुगतान जेएएल और विकास प्राधिकरण यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (वाईईआईडीए) के बीच लंबित मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से तय होगा।
अदाणी फिर से कैसे बने बड़े दावेदार?
JP Associates खरीद डील में वेदांता के हाथों फिसलने और अदाणी फिर से बड़े दावेदार बनने के पीछे कौन कितना जल्दी पेमेंट करेगा अहम साबित हुआ। जहां अदाणी समूह ने ऋणदाताओं को दो साल के भीतर भुगतान का प्रस्ताव दिया है। वहीं वेदांता ने पांच साल में किस्तों में भुगतान की बात कही है।
गौड़ परिवार ने की पैसा चुकाने की बात
पिछले महीने जेपी एसोसिएट्स के पूर्व प्रवर्तकों ने भी बैंकों के साथ समझौते की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने धन के स्रोत के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी। सूत्रों के अनुसार, इस तरह के प्रस्ताव अक्सर दिवाला समाधान प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए दिए जाते हैं। इससे पहले, प्रवर्तकों ने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी और स्थगन प्राप्त करने का प्रयास किया था, जिसे अदालतों ने स्वीकार नहीं किया था।
अदाणी का दिख रहा पलड़ा भारी
ऐसे में अब योजनाओं और सभी हितधारकों के साथ व्यवहार के समग्र मूल्यांकन के आधार पर, अब यह उम्मीद की जा रही है कि सीओसी जेएएल के समाधान और पुनरुद्धार के लिए अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के पक्ष में मतदान कर सकती है।
नोट- यहां दी गई जानकारी पीटीआई सूत्रो के हवाले से दी गई है।
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