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    भारत में लोन देने वाले 600 से भी ज्यादा गैर-कानूनी मोबाइल ऐप मौजूद, RBI की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

    By Abhishek PoddarEdited By:
    Updated: Mon, 22 Nov 2021 08:57 AM (IST)

    RBI के वर्किंग ग्रुप ने अपनी एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया है कि ऑनलाइन प्लेफॉर्म और मोबाइल ऐप के माध्यम से उधार लोन या क्रेडिट की सुविधा देने वाले 600 से भी ज्यादा ऐप अवैध हैं। इनका इस्तेमाल लोगों को ठगने के लिए किया जाता है।

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    RBI के अनुसार भारत में लोन देने वाले 600 से भी ज्यादा फर्जी ऐप हैं

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Reserve Bank Of India (RBI) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि, भारत में ऑनलाइन या डिजिटल तौर पर लोन की सुविधा देने वाले 600 से भी ज्यादा मोबाइल अप्लीकेशन फर्जी या अवैध हैं। RBI के वर्किंग ग्रुप ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानाकरी दी है कि, ऑनलाइन प्लेफॉर्म और मोबाइल ऐप के माध्यम से उधार, लोन या क्रेडिट की सुविधा देने वाले 600 से भी ज्यादा ऐप अवैध हैं। ज्यादातर अनजान लोगों को ठगने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ये ऐप, देश भर में कई सारे ऐप स्टोर पर उपलब्ध हैं।

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    डिजिटल लोन पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने और सिफारिशों का सुझाव देने के दौरान, RBI के वर्किंग ग्रुप को 1,100 से अधिक लोन या क्रेडिट ऐप के बारे में पता चला। इन ऐप को इंटरनेट या ऐप स्टोर्स पर, loan, instant loan और quick loan जैसे कीवर्ड के जरिए खोजा जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, 01 जनवरी 2021 से 28 फरवरी 2021 तक 81 ऐप स्टोर पर इस तरह के ऐप उपलब्ध थे।

    RBI पैनल ने इस बारे में बताया कि जनता द्वारा शिकायतें दर्ज करने के लिए स्टेट लेवल कोऑर्डिनेशन कमेटी (SLCC) के तहत रिजर्व बैंक द्वारा स्थापित एक पोर्टल में लोन देने वाले डिजिटल ऐप के खिलाफ शिकायतों की संख्या में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल जनवरी से लेकर इस साल मार्च के महीने तक 2,562 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। जारी हुई रिपोर्ट में यह कहा गया है कि, "ज्यादातर शिकायतें रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं जैसे एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी), अनिगमित निकायों और व्यक्तियों के अलावा अन्य कंपनियों द्वारा उधार देने वाले ऐप्स से संबंधित हैं।"

    इन ऐप से संबंधित सबसे ज्यादा शिकायतें अधिकांश शिकायतें महाराष्ट्र से प्राप्त हुई हैं।इसके बाद कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्यों का नाम आता है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 23 दिसंबर, 2020 को प्रेस रिलीज के बाद, अनधिकृत डिजिटल लोन देने वाले प्लेटफार्मों और मोबाइल ऐप के खिलाफ जनता को आगाह किया गया और ऐसे ऐप्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए जागरूकता पैदा की गई। दिसंबर 2020 में शिकायतों की तादाद में वृद्धि देखने को मिली। इस दौरान कुल शिकायतों में से 35 फीसद से भी अधिक शिकायतें दिसंबर के महीने में की गई थी।