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    RBI की मासिक रिपोर्ट के मुताबिक खाने-पीने के पदार्थों की कीमतों में आएगी नरमी, महंगाई होगी कम

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Mon, 17 Oct 2022 09:59 PM (IST)

    Economic Report आरबीआइ ने कहा सितंबर में थोक महंगाई के जो आंकड़े आए हैं उससे भी यही संकेत मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में नरमी आई है और सप्लाई चेन की स्थिति में सुधार होता दिख रहा है।

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    RBI ने कहा, महंगाई बढ़ने की वजहों को देखते हुए इसे नीचे लाने की प्रक्रिया भी कठिन होगी।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सोमवार को आरबीआइ की तरफ से जारी मासिक आर्थिक रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई चरम पर पहुंच चुकी है और सितंबर, 2022 के बाद के जो आंकड़े आएंगे उसमें महंगाई कम होती नजर आएगी। हालांकि केंद्रीय बैंक ने कहा है कि महंगाई से लड़ाई लंबी होगी। बता दें कि अभी एक पखवाड़े पहले ही मौद्रिक नीति की समीक्षा रिपोर्ट में आरबीआइ ने महंगाई को बड़ा खतरा बताते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक विकास दर के लक्ष्य को घटाकर 7.2 से 7 प्रतिशत कर दिया था।

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    भारत में निवेशकों व उपभक्ताओं का बढ़ेगा भरोसा

    दो हफ्तों के अंतराल में महंगाई को लेकर आरबीआइ के बदले इस विचार के पीछे कई वजहें बताई गई हैं। एक वजह यह है कि वर्ष (2022-23) की दूसरी छमाही में खाने पीने और पेय पदार्थों की कीमतें नरम होंगी, इसके संकेत मिल रहे हैं। सितंबर में थोक महंगाई के जो आंकड़े आए हैं उससे भी यही संकेत मिल रहा है।

    अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में नरमी आई है और सप्लाई चेन की स्थिति में सुधार होता दिख रहा है। वैसे लगातार तीन तिमाहियों तक महंगाई की दर के निर्धारित स्तर (अधिकतम छह प्रतिशत) ज्यादा रहने के बाद दायित्व निर्धारण की प्रक्रिया जारी रहेगी लेकिन मौद्रिक नीति के तहत महंगाई को निर्धारित लक्ष्य में लाने का काम जारी रहेगा। कोरोना महामारी और वैश्विक अनिश्चितता के मद्देनजर महंगाई का स्तर धीरे-धीरे ही नीचे आएगा लेकिन ऐसा होने से भारत में निवेशकों व उपभक्ताओं का भरोसा बढ़ेगा। भारतीय निर्यात की स्थिति सुधरेगी और बड़े पैमाने पर निवेश होगा।

    कठिन होगी महंगाई को नीचे लाने की प्रक्रिया

    आरबीआइ की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महंगाई बढ़ने की वजहों को देखते हुए इसे नीचे लाने की प्रक्रिया भी कठिन होगी। हालांकि एक बार ऐसा होने पर भारत सबसे तेजी से बढ़ती इकोनमी के तौर पर और मजबूती से स्थापित होगा। यह विदेशी निवेशकों को काफी प्रोत्साहित करेगा।

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    अंत में आरबीआइ की रिपोर्ट में आइएमएफ की एमडी क्रिस्टलीना जार्जीवा के उस बयान का भी जिक्र किया गया है, जिसमें उन्होंने भारत को मौजूदा अंधेरे से भरे क्षितिज में एक प्रकाशमय बिंदु बताया है।

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