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    GST Portal पर रजिस्ट्रेशन के लिए आ सकता है नया नियम, हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स घटने की उम्मीद

    जीएसटी प्रक्रिया लागू होने के बाद फर्जीवाड़े की नीयत से बिना किसी कारोबार के बड़ी संख्या में फर्जी कंपनियों के पंजीयन हो गए। फिजिकल जांच पर सैकड़ों पंजीयन फर्जी पाए गए। सूत्रों के मुताबिक गत तीन चार बैठक के दौरान लंबित कई मुद्दों पर इस बैठक में चर्चा होगी। जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने पर भी विचार किया जा सकता है।

    By Jagran News Edited By: Ram Mohan Mishra Updated: Thu, 20 Jun 2024 08:31 PM (IST)
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    GST Portal पर रजिस्ट्रेशन के लिए नया नियम आ सकता है।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जीएसटी पोर्टल पर नए पंजीयन के लिए आधार के बायोमेट्रिक तरीके से सत्यापन को अनिवार्य बनाया जा सकता है। 22 जून को नई दिल्ली में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस नियम पर फैसला हो सकता है। आधार के बायोमेट्रिक सत्यापन से पंजीयन होने पर जीएसटी के नाम पर फर्जीवाड़ा करना आसान नहीं होगा।

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    काफी अहम होगी आगामी बैठक 

    जीएसटी प्रक्रिया लागू होने के बाद फर्जीवाड़े की नीयत से बिना किसी कारोबार के बड़ी संख्या में फर्जी कंपनियों के पंजीयन हो गए। फिजिकल जांच पर सैकड़ों पंजीयन फर्जी पाए गए। हालांकि वर्तमान में भी जीएसटी पंजीयन के लिए अपना आधार नंबर देना पड़ता है, लेकिन अभी बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं किया जाता है। जीएसटी काउंसिल की गत बैठक पिछले साल अक्टूबर में हुई थी, इसलिए आगामी शनिवार को होने वाली बैठक काफी अहम बताई जा रही है।

    सूत्रों के मुताबिक गत तीन चार बैठक के दौरान लंबित कई मुद्दों पर इस बैठक में चर्चा होगी। जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने पर भी विचार किया जा सकता है। अब जीएसटी का संग्रह भी प्रतिमाह 1.5 लाख करोड़ के पार चला गया है और यह प्रणाली पांच साल पुरानी भी हो गई है। इंवर्टेड ड्यूटी को तर्कसंगत बनाने के लिए कई वस्तुओं पर जीएसटी दरें बढ़ाई भी जा सकती है।

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    हेल्थ इंश्योरेंस पर घट सकती है जीएसटी 

    पिछले साल कई राज्यों में चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव को देखते हुए कई वस्तुओं की जीएसटी दरों में चाहते हुए भी काउंसिल की बैठक में बदलाव नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को कम करके पांच प्रतिशत किया जा सकता है।

    हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की यह पुरानी मांग रही है और इससे हेल्थ इंश्योरेंस की खरीदारी भी सस्ती हो जाएगी। पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में शामिल करने पर काउंसिल की राय ली जा सकती है क्योंकि पेट्रोलियम मंत्रालय कई साल पहले ही विमान ईंधन और गैस को जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश कर चुका है।

    हालांकि इसे लेकर कोई फैसला फिलहाल बहुत मुश्किल है, क्योंकि कोई राज्य इसके लिए तैयार नहीं है। दरअसल पेट्रोलियम सरकारों के राजस्व संग्रह के लिए बड़ा माध्यम है। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने भी काउंसिल से ऑनलाइन गेमिंग पर लगने वाली 28 प्रतिशत की जीएसटी दर को कम करने की गुजारिश की है। कंपनियों का कहना है कि पिछले साल अक्टूबर में 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगने के बाद उनकी लागत बढ़ गई है।

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