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    8th Pay Commission: वेतन आयोग कैसे तय करता है सैलरी बढ़ाने का फॉर्मूला, किन कर्मचारियों को नहीं मिलेगा लाभ?

    पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में हुई मीटिंग में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी मिल गई। यह वेतन आयोग साल 2026 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। वेतन आयोग का गठन आमतौर पर हर 10 साल में होता है। पिछले वेतन आयोग का गठन 2014 में हुआ था जिसकी सिफारिशें 2016 में लागू हुई थीं। आइए जानते हैं कि वेतन आयोग सैलरी बढ़ाने का फॉर्मूला कैसे तय करता है।

    By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Thu, 16 Jan 2025 08:13 PM (IST)
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    वेतन आयोग एक हाई लेवल कमेटी है, जिसका गठन केंद्र सरकार करती है।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। यह केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों की समीक्षा करेगा और उसी के हिसाब वेतन में बढ़ोतरी की सिफारिश करेगा। यह वेतन आयोग साल 2026 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में हुई कैबिनेट की मीटिंग दी। आइए जानते हैं कि वेतन आयोग क्या होता है, इसका गठन कैसे होता है और किन केंद्रीय कर्मचारियों को इसका लाभ मिलता है।

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    वेतन आयोग क्या है?

    वेतन आयोग असल में एक हाई लेवल कमेटी है। इसका गठन केंद्र सरकार करती है। सबसे हालिया वेतन आयोग 2014 में गठित हुआ और इसकी सिफारिशें 2016 में लागू हुई थीं। वेतन आयोग का मकसद यह तय करना है कि आर्थिक परिस्थितियों के हिसाब से कर्मचारियों को सम्मान से जीने लायक उचित वेतन मिले। यह सरकारी कर्मचारियों के आर्थिक कल्याण के लिए सुधारों की सिफारिश करता है। इसमें कर्मचारी कल्याण की नीतियां, पेंशन, भत्ते और अन्य लाभों शामिल होते हैं।

    वेतन आयोग का गठन कैसे होता है?

    वेतन आयोग का गठन आमतौर पर हर 10 साल में एक बार किया जाता है। हालांकि, यह जरूरी बंदिश नहीं है। सरकार आर्थिक पहलुओं को ध्यान में रखकर इसका गठन 10 साल से पहले या बाद में भी कर सकती है। वेतन का गठन जरूरत के मुताबिक किसी भी सरकार के कार्यकाल में किाय जा सकता है। इसका प्रमुख कोई न्यायाधीश अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी हो सकता है। इसके अन्य सदस्य वेतन, वित्त, अर्थशास्त्र, मानव संसाधन प्रबंधन जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ होते हैं।

    किन कर्मचारियों को नहीं मिलेगा लाभ

    7वें वेतन आयोग के मुताबिक, सिविल सर्विसेज के दायरे में आने वाले वे सभी कर्मचारी वेतन आयोग के दायरे में आते हैं, जिन्हें देश के कंसॉलिडेटेड फंड से वेतन मिलता है। वहीं, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSUs) और ऑटोनॉमस बॉडी के कर्मचारी और ग्रामीण डाक सेवक वेतन आयोग के दायरे में नहीं आते हैं। कुछ विशेष कर्मचारी, जैसे कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज भी वेतन आयोग के दायरे से बाहर रहते हैं। इनके वेतन और भत्ते अलग नियम और कानून के तहत तय होते हैं।

    सैलरी बढ़ाने का फॉर्मूला कैसे तय होता है?

    वेतन आयोग कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी के लिए कई पहलुओं पर गौर करता है। इनमें महंगाई और देश की वित्तीय स्थिति पर ज्यादा फोकस रहता है।

    महंगाई दर: वेतन आयोग महंगाई दर पर अधिक गौर करता है कि उसमें कितनी वृद्धि हुई है और उसका कर्मचारियों की जीवनशैली पर क्या पड़ा है। वह उसी हिसाब से अपनी सिफारिश देता है।

    इकोनॉमी की स्थिति: सरकार की देश की वित्तीय स्थिति पर भी विचार करता है। अगर इकोनॉमी अच्छी हालत में है, तो वेतन में ज्यादा अच्छी वृद्धि होने की गुंजाइश रहती है।

    कर्मचारियों की परफॉर्मेंस: वेतन आयोग कर्मचारियों के कामकाजी प्रदर्शन को भी ध्यान में रखता है। अगर उनकी काम करने की क्षमता और प्रोडक्टिविटी बढ़ी होती है, तो उसका असर वेतन आयोग की सिफारिशों पर दिखता है।

    बाजार के वेतन: वेतन आयोग यह भी देखता है कि प्राइवेट कंपनियां अपने कर्मचारियों की सैलरी कितना बढ़ा रही हैं। इससे प्राइवेट कर्मचारियों के लिए प्रतिस्पर्धी वेतन तय करने में आसानी होती है।

    वेतन आयोग किस तरह की सिफारिशें करता है?

    • कर्मचारियों के मौजूदा वेतन में वृद्धि
    • पेंशन योजना में सुधार
    • भत्तों (किफायती आवास, परिवहन भत्ता, चिकित्सा भत्ते आदि) में वृद्धि
    • कामकाजी परिस्थितियों में सुधार
    • नए कर्मचारियों के लिए भर्ती प्रक्रिया और वेतन संरचना में सुधार
    • कर्मचारियों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम की सिफारिशें

    FAQ

    1. वेतन आयोग गठन के बाद क्या होगा?

    वेतन आयोग मीटिंग करेगा। इसमें महंगाई और दूसरे पहलुओं को ध्यान में रखकर सैलरी बढ़ाने की सिफारिश तैयार की जाएगी।

    2. वेतन आयोग कितने समय में सरकार को सिफारिश देती हैं?

    यह सरकार तय करती है। 7वें वेतन आयोग ने 18 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

    3. क्या वेतन आयोग की सिफारिशें मानने के लिए सरकार बाध्य है?

    नहीं, सरकार देश की वित्तीय सेहत, खर्च और महंगाई को ध्यान में रखकर अपना फैसला लेती है।

    4. सरकार कितने दिनों में आयोग की सिफारिश लागू करती है?

    सरकार साल 2026 से आयोग की सिफारिश लागू कर सकती है।

    5. क्या सेना, अर्धसैनिक बल के जवानों भी सिफारिश के अंदर आते हैं?

    हां, सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों को भी वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ मिलता है।

    6. क्या पीएसयू के अधिकारी-कर्मचारी इसके अंतर्गत आते हैं?

    नहीं, पीएसयू के अधिकारी-कर्मचारी का वेतन अलग तरीके से तय किया जाता है।

    Source:

     

    अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

    नहीं, सरकार देश की वित्तीय सेहत, खर्च और महंगाई को ध्यान में रखकर अपना फैसला लेती है।

    सरकार साल 2026 से आयोग की सिफारिश लागू कर सकती है।

    हां, सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों को भी वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ मिलता है।

    नहीं, पीएसयू के अधिकारी-कर्मचारी का वेतन अलग तरीके से तय किया जाता है।

    नहीं, सरकार देश की वित्तीय सेहत, खर्च और महंगाई को ध्यान में रखकर अपना फैसला लेती है।

    हां, सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों को भी वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ मिलता है।

    नहीं, पीएसयू के अधिकारी-कर्मचारी का वेतन अलग तरीके से तय किया जाता है।