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    8th Pay Commission: कैसे तय होता है फिटमेंट फैक्टर, कितनी बढ़ेगी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी?

    Updated: Mon, 27 Jan 2025 06:02 PM (IST)

    8th Pay Commission वेतन आयोग कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने की सिफारिश फिटमेंट फैक्टर के आधार पर करता है। फिटमेंट फैक्टर एक गुणक है जिसका इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन की गणना करने के लिए किया जाता है। इसमें महंगाई और कर्मचारियों के प्रदर्शन जैसी चीजों को ध्यान में रखा जाता है। आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं।

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    वेतन आयोग देश की वित्तीय स्थिति पर भी गौर करता है।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग का गठन अगले साल यानी 2026 में होगा, जब 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल खत्म होगा। नए वेतन आयोग के साथ केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में भी भारी इजाफे की उम्मीद है। यह सब फिटमेंट फैक्टर से तय होगा। आइए जानते हैं कि फिटमेंट फैक्टर क्या होता है और केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में कितना इजाफा हो सकता है।

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    कैसे बढ़ेगी सैलरी

    वेतन आयोग कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने की सिफारिश फिटमेंट फैक्टर के आधार पर करता है। फिटमेंट फैक्टर एक गुणक है, जिसका इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन की गणना करने के लिए किया जाता है। इसे मुद्रास्फीति, कर्मचारियों की जरूरतों और सरकार की वित्तीय क्षमता जैसे चीजों पर गौर करते तय किया जाता है।

    महंगाई दर: वेतन आयोग यह जानने की कोशिश करता है कि महंगाई कितनी बढ़ी है और उसका कर्मचारियों की जीवनशैली पर क्या पड़ा है। जैसे कि उनके लिए घर और गाड़ी खरीदना कितना मुश्किल हुआ है।

    इन खर्चों पर फोकस: वेतन आयोग की नई सैलरी की सिफारिश करते समय चावल, गेहूं, दाल, सब्जी, दूध, चीनी, तेल, ईंधन, बिजली, पानी के बिल, मनोरंजन, त्योहारों और शादी जैसे खर्चों को ध्यान में रखेगा।

    इकोनॉमी की स्थिति: वेतन आयोग देश की वित्तीय स्थिति पर भी गौर करता है। अगर इकोनॉमी की ग्रोथ अच्छी रहती है, तो वेतन में ज्यादा वृद्धि होने की गुंजाइश रहती है।

    कर्मचारियों का प्रदर्शन: वेतन आयोग कर्मचारियों के कामकाजी प्रदर्शन को भी ध्यान में रखता है। अगर कर्मचारियों का ओवरऑल परफॉर्मेंस बेहतर रहता है, तो उसका असर वेतन आयोग की सिफारिशों पर दिखता है।

    बाजार पर भी नजर: वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने की सिफारिश करते वक्त यह भी देखता है कि प्राइवेट कंपनियां अपने कर्मचारियों को कितना हाइक दे रही हैं। इससे केंद्रीय कर्मचारियों के लिए प्रतिस्पर्धी वेतन तय करने में आसानी होती है।

    कितनी बढ़ेगी न्यूनतम सैलरी?

    फाइनेंशियल एक्सपर्ट का मानना है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.6 से 2.85 के बीच हो सकता है। इस हिसाब से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 25 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में न्यूनतम सैलरी 40,000 रुपये से अधिक हो सकती है। इसमें भत्ते और परफॉर्मेंस पे भी शामिल होगा। पेंशनभोगियों को भी उसी अनुपात में फायदा मिलेगा।

    7वें वेतन आयोग में सैलरी कैसे तय हुई थी?

    6वें वेतन आयोग में न्यूनतम सैलरी 7,000 रुपये महीना था। इसे 7वें वेतन आयोग में बढ़ाकर 18,000 रुपये महीना कर दिया गया था। इसका मतलब है कि 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना अधिक थी। इससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 14.2 फीसदी का उछाल आया था।

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