8th Pay Commission: पेंशन-रिटायरमेंट से अंतरिम राहत तक, 8 लाख कर्मचारियों ने सरकार के सामने रखीं ये 8 बड़ी मांगें!
8th Pay Commission: लगभग 8 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने 8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार से पेंशन, सेवानिवृत्ति लाभ और अंतरिम राहत सहित आठ मांगें रखी हैं। कर्मचारियों की मुख्य चिंताएं वेतन संरचना में संशोधन, पेंशन योजनाओं का पुनर्गठन और महंगाई भत्ते में वृद्धि हैं। कर्मचारियों ने सरकार से इन मांगों पर विचार करने का आग्रह किया है।
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8th Pay Commission: पेंशन-रिटायरमेंट से अंतरिम राहत तक, 8 लाख कर्मचारियों ने सरकार के सामने रखीं ये 8 मांगें!
8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग की तैयारी के बीच केंद्रीय कर्मचारियों के संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर हाल ही में जारी टर्म ऑफ रेफ्रेंस (ToR) में बड़े बदलाव की मांग की है। 130 विभागों के 8 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को रिप्रेजेंट करने वाले संगठन कॉन्फेडेरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलॉई एंड वर्कर्स ने सरकार के सामने 8 मांगे रखी हैं। जिसमें 20 प्रतिशत अंतरिम राहत, पेंशन स्कीम और रिटायरमेंट बेनिफिट्स से लेकर कई मांगें शामिल हैं।
8 मांगों में क्या-क्या शामिल?
1. 20% अंतरिम राहत की मांग:
कर्मचारियों ने सरकार से तुरंत 20% अंतरिम राहत लागू करने की अपील की है। संगठन ने लेटर में लिखा है कि, "8th CPC के गठन और उसके लागू होने में देरी हो रही है। इसलिए 20% अंतरिम राहत तुरंत दी जाए, ताकि महंगाई और देरी से हो रहे नुकसान की भरपाई हो सके और 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों का मनोबल बढ़े।"
2. ToR में लागू होने की तारीख जोड़ी जाए:
संघ ने मांग की है कि 8th CPC की सिफारिशें 01 जनवरी 2026 से लागू होने का उल्लेख टर्म ऑफ रेफ्रेंस में जोड़ा जाए। संगठन में लेटर में लिखा है कि, "यह स्वाभाविक और उचित है कि 8th CPC की सिफारिशें 01.01.2026 से ही लागू हों। कृपया इसे ToR में शामिल किया जाए।"
3. अलग-अलग पेंशन स्कीमों में पेंशन संशोधन शामिल हो:
संघ ने ToR में यह जोड़ने की मांग की है और लिखा है कि, पेंशन संरचना, रिटायरमेंट लाभ, पेंशन संशोधन और 1/1/2026 से पहले या बाद में रिटायर हुए कर्मचारियों के बीच पेंशन समानता की समीक्षा की जाए।
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4. गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं की अप्रदत्त लागत (Unfunded cost of non-contributory pension schemes) शब्द हटाए जाएं:
संघ ने कहा कि ToR में यह शब्दावली 'अनुचित और भ्रामक' है। संघ ने मांग की है कि ये शब्द संवैधानिक और न्यायिक रूप से सुरक्षित पेंशन अधिकारों को सिर्फ एक वित्तीय बोझ के रूप में दिखाते हैं, जो गलत है। कर्मचारियों में यह डर है कि सरकार 'अनफंडेड एक्सपेंडिचर' हटाने के नाम पर पेंशन कम कर सकती है। संघ की मांग है कि ये शब्द ToR से हटाए जाएं और यह जोड़ा जाए कि पेंशन संशोधन रिटायरमेंट की तारीख से बिना किसी भेदभाव के किया जाए।
5. अन्य रिटायरमेंट बेनिफिट्स की समीक्षा होः
संघ की मांग है कि ToR में ये बातें शामिल करने की बात कही है:
- कम्यूटेड वैल्यू ऑफ पेंशन 11 साल बाद बहाल हो
- हर 5 साल में अतिरिक्त पेंशन/फैमिली पेंशन मिले
- स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा
- सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलॉईज़ ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम (CGEGIS) में बदलाव
- रिटायर कर्मचारियों के हेल्थ केयर सिस्टम को मजबूत किया जाए।
6. OPS की बहाली की मांग:
लेटर में लिखा गया है कि, "लगभग 1 लाख कर्मचारी NPS से UPS स्कीम में आए हैं, लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं हैं और पुरानी पेंशन योजना ही चाहते हैं। 8th CPC के ToR में OPS की समीक्षा और इसे लागू करने की मांग शामिल की जाए।"
7. 8th CPC के लाभों का विस्तार:
संघ की मांग है कि 8th CPC के लाभ में, केंद्र द्वारा फंडेड Autonomous Bodies, Statutory Bodies, ग्रामीण डाक सेवक (GDS) जैसे कर्मचारियों को भी शामिल किया जाए।
8. स्वास्थ्य योजनाओं की व्यापक समीक्षा:
संघ ने ToR में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की हेल्थ स्कीम की समीक्षा जोड़ने की मांग की है। लेटर में लिखा है कि, "CGHS में बदलाव किए जाएं, ज्यादा वेलनेस सेंटर्स खोले जाएं, सभी कर्मचारियों और पेंशनर्स को कैशलेस व बिना परेशानी वाली मेडिकल सुविधा मिले। Autonomous और Statutory Bodies के कर्मचारियों को भी कवरेज मिले।
कुल मिलाकर कर्मचारियों की 8 बड़ी मांगें सरकार के सामने हैं, जिनमें 20% अंतरिम राहत, 2026 से लागू करने की तारीख, OPS बहाली और पेंशन संशोधन सबसे प्रमुख हैं। अब सरकार इन मांगों पर क्या रुख लेती है, इस पर सभी कर्मचारियों की नजरें टिकी हैं।

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