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    Blinkit-Zepto जैसी 26 ई-कॉमर्स कंपनियों ने हटाए डार्क पैटर्न, सरकार की सख्ती का असर; अब कितना होगा फायदा?

    By National BureauEdited By: Ankit Kumar Katiyar
    Updated: Thu, 20 Nov 2025 11:51 PM (IST)

    उपभोक्ताओं को धोखा देने वाले डार्क पैटर्न पर सरकार की सख्ती के बाद 26 ई-कॉमर्स कंपनियों ने इन्हें खत्म करने की घोषणा की है। इन कंपनियों ने भ्रामक दावों और अनुचित व्यापार प्रथाओं को हटाने का वादा किया है। CCPA ने अन्य कंपनियों को भी चेतावनी दी है कि वे डार्क पैटर्न हटाएं, अन्यथा कार्रवाई होगी। सरकार उपभोक्ताओं को भ्रमित करने वाली तकनीकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।

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    Blinkit-Zepto जैसी 26 ई-कॉमर्स कंपनियों ने हटाए डार्क पैटर्न, सरकार की सख्ती का असर; अब कितना होगा फायदा?

    नई दिल्ली। उपभोक्ताओं को भ्रमित करने वाली ऑनलाइन चालों यानी डार्क पैटर्न (Dark Patterns) पर सरकार की सख्ती का असर दिखने लगा है। केंद्र सरकार ने बताया कि देश की 26 प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि वे डार्क पैटर्न का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं और उनके प्लेटफॉर्म पर भ्रामक दावे या अनुचित व्यापार प्रथाओं की कोई जगह नहीं है।

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    उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, इन कंपनियों ने डार्क पैटर्न रोकथाम के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए स्वैच्छिक घोषणा पत्र सौंपे हैं। कंपनियों ने यह भी बताया कि उन्होंने प्लेटफॉर्म पर मौजूद ऐसी सभी प्रथाओं की पहचान और समाप्ति के लिए आंतरिक ऑडिट या थर्ड-पार्टी ऑडिट कराए हैं।

    केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) का कहना है कि इन 26 कंपनियों की पहल से बाकी ई-कॉमर्स कंपनियां भी स्व-नियमन को अपनाने के लिए प्रेरित होंगी। CCPA ने अन्य कंपनियों को भी चेताया है कि डार्क पैटर्न तुरंत हटाए जाएं, वरना कार्रवाई तय है।

    यह भी पढ़ें- क्या होते हैं डार्क स्टोर्स, जहां से जेप्टो और ब्लिंकिट जैसे एप्स आपके पास पहुंचाते हैं सामान?

    सरकार ने याद दिलाया कि डार्क पैटर्न रोकथाम और नियमन के लिए दिशा-निर्देश 30 नवंबर 2023 को अधिसूचित किए गए थे। इनमें 13 तरह के डार्क पैटर्न जैसे ड्रिप प्राइसिंग, बाइट-एंड-स्विच, छिपे विज्ञापन, झूठी तात्कालिकता जैसी हेरफेर करने वाली प्रथाओं को प्रतिबंधित किया गया है। इसी साल जून में CCPA ने सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को 3 महीने में इन्हें हटाने की एडवाइजरी जारी की थी।

    क्या है डार्क पैटर्न (Dark Patterns)

    डार्क पैटर्न में डिजाइन और विकल्प आर्किटेक्चर का उपयोग करके उपभोक्ताओं को धोखा देना, मजबूर करना या प्रभावित करना शामिल है। इससे वे ऐसे विकल्प चुनते हैं जो उनके सर्वोत्तम हित में नहीं होते। इनमें ड्रिप प्राइसिंग छिपा हुआ विज्ञापन, बाइट-एंड-स्विच और झूठी तात्कालिकता जैसी कई हेरफेर करने वाली प्रथाएं शामिल हैं।

    इन कंपनियों ने की घोषणा

    फार्म ईजी (FarmEazy), जेप्टो मार्केटप्लेस (Zepto), फ्लिपकार्ट इंटरनेट (Flipkart), मिन्त्रा, डिजाइन, वालमार्ट इंडिया, मेक माय ट्रिप, बिगबास्केट (BigBasket), जियोमार्ट, जोमैटो-स्विगी (Zomato-Swiggy), ब्लिन्किट (Blinkit), पेज इंडस्ट्रीज, विलियम पेन, क्लियरट्रिप, रिलायंस ज्वेल्स, रिलायंस डिजिटल, नेटमेड्स, टाटा 1एमजी, मीशो, इक्सिगो, मिलबास्केट, हैमलेज, आजियो, तीरा ब्यूटी, ड्यूरोफ्लेक्स और क्यूरेडन इंडिया शामिल हैं।

    सरकार का कहना है कि उपभोक्ताओं को भ्रमित करने वाली किसी भी तकनीक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो भविष्य में कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।

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