क्या करें जब बैंक की गलती से आपका चेक डिसऑनर हो जाए
आपके अकाउंट में पर्याप्त फंड हो और फिर भी आपका चेक ऑनर न हो पाए तो इसकी कई वजह हो सकती हैं। सबसे सामान्य वजह यह हो सकती है कि चेक पर किए गए आपके हस्ताक्षर बैंक में उपलब्ध डीटेल्स से मैच नहीं करते हों। अगर ऐसा है तो आपके पास और जिसे आपने चेक दिया है उसके अकाउंट
आपके अकाउंट में पर्याप्त फंड हो और फिर भी आपका चेक ऑनर न हो पाए तो इसकी कई वजह हो सकती हैं। सबसे सामान्य वजह यह हो सकती है कि चेक पर किए गए आपके हस्ताक्षर बैंक में उपलब्ध डीटेल्स से मैच नहीं करते हों। अगर ऐसा है तो आपके पास और जिसे आपने चेक दिया है उसके अकाउंट स्टेटमेंट में यह वजह स्पष्ट कर दी जाती है। लेकिन किसी तकनीकी वजह से अगर बैंक आपका चेक ऑनर नहीं कर पाया तो आपके पास शिकायत का पूरा आधार है।
बैंक शाखा को इसकी सूचना तुरंत दें और कार्रवाई के लिए कहें। परेशानी का हल फिर भी नहीं मिलता है तो बैंक के क्षेत्रीय मुख्यालय को इसकी सूचना दें। एक माह के भीतर हल न निकलने पर आपको बैंकिग लोकपाल यानी ओम्बुड्समैन की शरण लेनी चाहिए। आप ओम्बुड्समैन ऑफिस में साधारण कागज पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
ई-मेल के माध्यम से भी शिकायत दर्ज कराने का प्रावधान है। चेक क्लीयरेंस में देरी की स्थिति में भी आपके पास यह रास्ता खुला है। आपकी ओर से कोई भी यह शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत के लिए कोई कानूनी फीस नहीं लगती।
कई बार बैंक से आपका चेक गुम भी हो सकता है। ऐसे में अगर बैंक अपनी गलती मान लेता है तो आप बैंक से इस बारे में लिखित रूप से स्पष्टीकरण लेने के बाद दूसरा चेक इश्यू कर सकते हैं।
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