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क्या है DTI Ratio? लोन EMI के आसान भुगतान में कितना मददगार, समझें इसका पूरा कैलकुलेशन

What is DTI Ratio किसी भी लोन के बदले में कितनी EMI मासिक आधार पर देनी चाहिए यह जानना बेहद जरूरी है। इसके लिए DTI Ratio का सहारा लिया जाता है। यह आमदनी के हिसाब से बताता है कि EMI की प्रतिशत क्या होनी चाहिए। (फाइल फोटो)

By Sonali SinghEdited By: Sonali SinghPublished: Mon, 10 Apr 2023 11:00 AM (IST)Updated: Mon, 10 Apr 2023 11:54 AM (IST)
क्या है DTI Ratio? लोन EMI के आसान भुगतान में कितना मददगार, समझें इसका पूरा कैलकुलेशन
What is DTI Ratio, How to calculate Debit to Income Role in Availing Loan Facility

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अक्सर लोग घर या गाड़ी जैसी बड़ी रकम की चीजों को खरीदने के लिए लोन का सहारा लेते हैं और इसके बदले में उन्हें हर महीने इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट यानी कि EMI का भुगतान करना पड़ता है। पर कई बार इस मासिक किस्त की रकम इतनी ज्यादा हो जाती है कि यह हर महीने लोगों की जेब पर असर डालने लगती है।

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EMI का बोझ कहीं आगर जाकर सिरदर्द न बन जाए, इसलिए यह समझना जरूरी है कि आय के हिसाब से कितना EMI हर महीने देना सही होगा ताकि बाकी जरूरतों को भी पूरा किया जा सके। ऐसे में DTI रेशियो कैलकुलेशन का तरीका बहुत मदद कर सकता है। तो चलिए इसके बारे में समझते हैं।

क्या है DTI रेशियो ?

DTI रेशियो यानी कि डेट-टू-इनकम रेशियो किसी भी तरह का लोन लेने से पहले आय के हिसाब से EMI जानने का तरीका है।  DTI से पता चलता है आय का कितना प्रतिशत हिस्सा लोन के मासिक किस्त के रूप में जाना चाहिए और यह कुल मासिक आमदनी का कितना प्रतिशत होगा।

कैसे होता सही EMI का कैलकुलेशन?

DTI रेशियो आपको बताता कि अगर लोन की मूल वेतन के आधार पर ईएमआई के आंकड़ें क्या होने चाहिए। एक सामान्य नियम के मुताबिक, डेट-टू-इनकम रेशियो 35 से 40% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ति की आमदनी 30,000 रुपये प्रति महीना है तो DTI रेशियो के मुताबिक, उसकी EMI 12,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए और बात को ध्यान में रखकर लोन की रकम और अवधि का चुनाव करना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

किसी भी बड़े अवधि के लोन को लेने के लिए दो बातों का सबसे महत्व होता है। पहला कि इसके लिए अच्छी आमदनी होनी चाहिए और दूसरा कि क्रेडिट स्कोर (Credit Score) का सही होना चाहिए। एक अच्छा क्रेडिट स्कोर वित्तीय संस्थानों द्वारा आसानी से लोन लेने में मदद करता है। साथ ही, कम ब्याज दर में लोन की सुविधा उपलब्ध कराता है।

खर्चों की लिस्ट कर लें तैयार

किसी भी लोन को लेने से पहले इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि आपके हर महीने के खर्चें कितने हैं। इसके लिए मकान किराया, राशन, बिजली-मोबाइल-रसोई गैस, मेडिकल ट्रीटमेंट और इस तरह के तमाम खर्चों का ब्योरा तैयार कर लें। इससे आपको अंदाजा मिल जाएगा कि कितनी रकम की ईएमआई आपके खर्चों पर असर नहीं डालेगी।

 


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