Top up Loan क्या है, पर्सनल लोन से कितना अलग है ये लोन, जानिए
विशेषज्ञ कहते हैं कि होम लोन के मामले में बैंक आमतौर पर घर की लागत का 70-80% लोन देते हैं लेकिन बहुत से लोग पूर्ण लोन का विकल्प नहीं चुनते हैं इसलिए बची राशि को भविष्य में टॉप अप के रूप में लिया जा सकता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कई बार एक लोन लेने के बाद भी वित्तीय जरूरतें पैदा नहीं होतीं, फिर दूसरा लोन लेना पड़ता है। पहले से चल रहे लोन पर लोन लेने को टॉप अप लोन कहते हैं। कर्जदाता ऐसे ग्राहक को बेहतर ब्याज शर्तों के साथ लोन देते हैं जिनकी क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी होती है। यह सोना और अचल संपत्ति जैसी परिसंपत्तियों को बेचने या गिरवी रखने से बेहतर विकल्प है।
हालांकि, उधारकर्ता आमतौर पर टॉप अप लोन के लिए तभी पात्र होते हैं, जब वे कम से कम एक साल से नियमित रूप से अपनी EMI का भुगतान कर रहे हों। उधारकर्ता की क्रेडिट हिस्ट्री और रीपेमंट हिस्ट्री एक प्रमुख कारक है, जो यह तय करता है कि उसे टॉप-अप लोन मिलेगा या नहीं। टॉप-अप लोन आमतौर पर मूल लोन के समान शर्तों, ब्याज दर आदि पर दिया जाता है।
विशेषज्ञ कहते हैं कि होम लोन के मामले में बैंक आमतौर पर घर की लागत का 70-80% लोन देते हैं, लेकिन बहुत से लोग पूर्ण लोन का विकल्प नहीं चुनते हैं, इसलिए बची राशि को भविष्य में टॉप अप के रूप में लिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, कर्जदार की ओर से पहले ही चुकाए गए कर्ज के हिस्से को फिर से उधार दिया जा सकता है।
घर के किसी हिस्से की मरम्मत या साज-सज्जा के लिए कई बार हम अपने पुराने होम लोन पर टॉप-अप ले सकते हैं। इसकी ब्याज दरें पर्सनल लोन के मुकाबले काफी कम होती हैं। टॉप-अप लोन बड़ी आसानी से मिल जाता है।
ऐसे लोन को कर्जदाताओं की ओर से बंधक लोन के रूप में माना जाता है और इसलिए पर्सनल लोन की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक लोन राशि, लंबी अवधि और कम ब्याज दर होती है।
इस तरह के लोन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि उधारकर्ता को अतिरिक्त कागजी कार्रवाई या दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता नहीं होती है और बैंक के पास पहले से ही ग्राहक का केवाईसी विवरण होता है। ज्यादातर सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंक होम लोन पर टॉप-अप की सुविधा देते हैं। टॉप-अप लोन के लिए आवेदन करना बेहद आसान है। टॉप अप लोन के लिए ऑनलाइन भी आवेदन किया जा सकता है। इस तरह के लोन पर प्रोसेसिंग फीस काफी कम है।