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    SBI से लोन लेकर पूरा किया है घर या गाड़ी का सपना तो भरनी होगी अधिक EMI, बैंक ने दिया ये अपडेट

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो दर या वह दर जिस पर वह वाणिज्यिक बैंकों को धन उधार देता है को 6.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने के एक महीने बाद SBI द्वारा बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। इससे लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी।

    By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Tue, 14 Mar 2023 09:46 PM (IST)
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    SBI to hike key lending rate by 70 bps from March 15

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश का सबसे बड़ा ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) बुधवार से आधार दर और बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (बीपीएलआर) बढ़ाएगा। इसके बाद बैंक के लोन और ईएमआई महंगे हो जाएंगे। आपको बता दें कि बैंक बीपीएलआर और आधार दर दोनों को तिमाही आधार पर संशोधित करता है।

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    SBI की वेबसाइट के अनुसार, बीपीएलआर को 70 आधार अंकों या 0.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 14.85 प्रतिशत कर दिया जाएगा, जो 15 मार्च से प्रभावी होगा। इस घोषणा से बीपीएलआर से जुड़ा कर्ज महंगा हो जाएगा। मौजूदा बीपीएलआर रेट 14.15 फीसदी है। इसे अंतिम बार दिसंबर 2022 में संशोधित किया गया था।

    महंगे होंगे एसबीआई के कर्ज

    बैंक बुधवार से प्रभावी आधार दर को बढ़ाकर 10.10 प्रतिशत कर देगा। मौजूदा बीपीएलआर रेट 9.40 फीसदी है। इसे अंतिम बार दिसंबर 2022 में संशोधित किया गया था। इसके बाद बैंक के तमाम लोन महंगे हो जाएंगे और उनकी ईएमआई बढ़ जाएगी। आधार दर पर ऋण लेने वाले कर्जदारों की ईएमआई राशि बढ़ जाएगी। आपको बता दें कि अब ज्यादातर बैंक एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट (EBLR) या रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) पर लोन मुहैया कराते हैं।

    लगातार दरें बढ़ा रहा है आरबीआई

    बेंचमार्क उधार दरों में वृद्धि 6 अप्रैल को होने वाले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति बैठक से कुछ सप्ताह पहले हुई है, जिसमें मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए फिर से दरों में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि बैंकिंग संकट के बाद अमेरिका में दरों में वृद्धि की गुंजाइश अधिक नहीं रह गई है।

    अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति द्वारा अप्रैल में अपेक्षित 25-बेस प्वाइंट (बीपीएस) दर वृद्धि की संभावना है। सोमवार को बाजार बंद होते समय भारत की हेडलाइन और कोर मुद्रास्फीति में गिरावट दर्ज की गई है।

    वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक की सीमा से ऊपर बनी हुई है, जो जनवरी के 6.52 प्रतिशत से घटकर 6.44 प्रतिशत हो गई है।