Cryptocurrency का क्यों हो रहा खुला विरोध, एक और बड़े बैंकर ने बताई बड़ी वजह
Cryptocurrency की खरीद-फरोख्त को लेकर भारत में विरोध चल रहा है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास के बाद अब पूर्व डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने इस पर आपत्ति की है। उनके मुताबिक केंद्रीय बैंक इसलिए चिंतित है क्योंकि Cryptocurrency की सही कीमत कैसे आंकी जाएगी इसे लेकर कोई सिस्टम नहीं है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। Cryptocurrency की खरीद-फरोख्त को लेकर भारत में विरोध चल रहा है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास के बाद अब पूर्व डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने इस पर आपत्ति की है। उनके मुताबिक क्रिप्टोकरंसी को लेकर केंद्रीय बैंक इसलिए ज्यादा चिंतित है क्योंकि Cryptocurrency की सही कीमत कैसे आंकी जाएगी, इसे लेकर कोई सिस्टम नहीं है। साथ ही काला धन सफेद करना भी बड़ा मुद्दा है। इसके सहारे लोग अपनी काली कमाई को सफेद कर सकते हैं।
विश्वनाथन ने आठवें एसबीआई बैंकिंग एवं आर्थिक सम्मेलन में कहा कि अगर सरकार क्रिप्टोकरंसी को मान्यता दे देती है तो बैंकरों को इसे लेकर काफी सजग रहना होगा और उन्हें किसी भी व्यक्ति के धन का अंदाजा उसके पास मौजूद क्रिप्टो परिसंपत्ति के आधार पर करने से परहेज करना होगा।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास लगातार क्रिप्टोकरंसी को लेकर चिंता जताते रहे हैं। उनका कहना है कि इससे बहुत गहरी चिंताएं जुड़ी हुई हैं जो देश की आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं। सरकार भी इस बारे में संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लाने पर विचार कर रही है।
विश्वनाथन ने कहा कि दुनिया भर के केंद्रीय बैंक क्रिप्टोकरंसी को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा, "केंद्रीय बैंक की चिंता मूलतः दो क्षेत्रों को लेकर है। पहला, क्रिप्टोकरंसी को काला धन सफेद करने के लिए एक संभावित जरिया माना जा रहा है। दूसरी चिंता इस मुद्रा के Valuation से जुड़ी हुई है।"
पूर्व डिप्टी गवर्नर ने कहा कि क्रिप्टोकरंसी को अभौतिक मुद्रा के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस आभासी मुद्रा का मूल्य तय करने वाले पहलुओं के बारे में अभी कुछ ज्यादा पता नहीं है।
इस बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में कहा कि क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल मादक पदार्थों और मानव तस्करी जैसे गैरकानूनी कार्यों में किया जा सकता है लिहाजा इस पर पाबंदी लगाना ही उचित होगा।
दुबे ने कहा है कि क्रिप्टोकरंसी को भारत के बैंकिंग नेटवर्क से पूरी तरह बाहर रखना होगा और इसके लिए इसके कारोबार एवं निवेश पर पूर्ण पाबंदी लगानी होगी। उन्होंने इस दिशा में कदम उठाने का प्रधानमंत्री से अनुरोध किया। संसद की वित्त मामलों की समिति ने गत सोमवार को क्रिप्टोकरंसी से जुड़़े तमाम पहलुओं पर चर्चा की थी। भाजपा के सांसद जयंत सिन्हा इस समिति के अध्यक्ष हैं।