बंद हो चुके पीपीएफ अकाउंट को कैसे कराएं फिर से एक्टिव, जानिए अपने काम की हर बात
पीपीएफ में किया जाने वाला निवेश ईईई या एग्जेंप्ट एग्जेंप्ट और एग्जेंप्ट कैटेगरी में आता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पब्लिक प्रोविडेंट फंड या पीपीएफ भारत में प्रचलित लंबी अवधि का प्रमुख निवेश विकल्प माना जाता है। इस विकल्प में निवेश कई अहम उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाता है जैसे कि रिटायरमेंट के लिए, बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए और बच्चों की शादी इत्यादि के लिए। पीपीएफ एक सरकार समर्थित बचत योजना है जो कि फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में ज्यादा ब्याज देती है। साथ ही यह टैक्स बचाने में भी मददगार है।
पीपीएफ में किया जाने वाला निवेश ईईई या एग्जेंप्ट, एग्जेंप्ट और एग्जेंप्ट कैटेगरी में आता है। इसका मतलब यह हुआ कि पीपीएफ में जो पैसा आप निवेश करते हैं, आपको इस पर जो ब्याज हासिल होता है और मैच्योरिटी के वक्त मिलने वाली राशि तीनों पर टैक्स नहीं देना होता है। इसके अलावा पीपीएफ के साथ अन्य फायदे भी मिलते हैं जैसे कि आंशिक निकासी और लोन लेने की सुविधा इत्यादि। हालांकि आपको ये फायदे तभी मिलते हैं जब आप अपने इस खाते को पूरे 15 वर्ष तक चालू रखते हैं।
पीपीएफ अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज का निर्धारण हर तिमाही सरकार की ओर से किया जाता है। पीपीएफ अकाउंट में आपको न्यूनतम 500 रुपये का निवेश करना होता है। वहीं इसमें अधिकतम निवेश 1.5 लाख रुपये का किया जा सकता है। अगर आप किसी वित्त वर्ष में 500 रुपये जमा करने से चूक जाते हैं तो आपका पीपीएफ अकाउंट निष्क्रिय (इनएक्टिव) कर दिया जाता है।
एक बार अगर आपका पीपीएफ अकाउंट इनएक्टिव हो गया तो आप इसे 15 वर्ष के पहले बंद नहीं करवा सकते हैं। हालांकि खाते के पांच वर्ष पूर्ण हो जाने के बाद विशेष परिस्थितियों में आंशिक निकासी की सुविधा मिलती है। हालांकि डिस्कांटिन्यू किए जा चुके अकाउंट पर लोन लेने की सुविधा नहीं मिलती है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि अगर आप किसी वर्ष खाते में योगदान देने से चूक गए हैं तो उसको रिवाइव करा लें उसके बाद यह फिर से एक्टिव हो जाएगा।
अपने इनएक्टिव पीपीएफ अकाउंट को कैसे कराएं रिवाइव: इनएक्टिव हो चुके पीपीएफ अकाउंट को रिवाइव करवाने के लिए आपको अपने नजदीकी बैंक शाखा या पोस्ट ऑफिस जाना होगा, जहां आपने अपना पीपीएफ खाता खुलवाया था। आपको बैंक या पोस्ट ऑफिस को अपने अकाउंट को रिवाइव करने के लिए एक एप्लीकेशन देनी होगी। इसमें आपको 500 रुपये के न्यूनतम सालाना योगदान के साथ 50 रुपये की पेनाल्टी भी देनी होगी, जो कि उतने साल के लिए होगी जितने साल के योगदान को आपने डिफॉल्ट किया होगा। कोशिश करें कि इस खाते को मैच्योरिटी तक चालू रखें।
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