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    RBI Hiked Repo Rate : होम-कार लोन हो जाएंगे महंगे, RBI ने रेपो दर बढ़ाने का किया ऐलान

    होम और कार लोन महंगा होने का अंदेशा है क्‍योंकि RBI ने रेपो दर में 40 बेसिस प्‍वाइंट की बढ़ोतरी कर दी है। साथ ही CRR में भी बढ़ोतरी हुई है। आरबीआइ का कहना है कि ऐसा महंगाई पर काबू करने को किया गया है।

    By Ashish DeepEdited By: Updated: Thu, 05 May 2022 07:34 AM (IST)
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    लोन महंगा होने की आशंका है। (Pti)

    नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को रेपो दर में 40 बेसिस प्‍वाइंट की बढ़ोतरी की घोषणा कर बैंक ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर में 40 बीपीएस बढ़ाने के लिए मतदान किया है। अब यह दर 4.4 फीसद हो गई है। रेपो दर में इस बढ़ोतरी से Home Loan, Car Loan और Personal Loan की EMI बढ़ने का अंदेशा है।

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    CRR भी बढ़ाया

    उन्‍होंने बताया कि महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने बेंचमार्क ब्याज दर बढ़ाई है। अप्रैल में भी महंगाई बढ़ने की आशंका है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) भी 50 basis point बढ़ा दिया है।

    क्‍यों महंगा हो सकता है Loan

    Repo Rate वह प्रमुख ब्‍याज दर है जिस पर बैंकों को आरबीआई से कर्जा मिलता है। बैंक कर्ज की इस रकम से ग्राहकों को लोन देते हैं। रेपो रेट बढ़ने के मायने हैं कि बैंक से मिलने वाले कई तरह (Home Loan, Car Loan, Personal Loan) के कर्ज महंगे हो जाएंगे। वहीं रिवर्स रेपो रेट वह दर है, जिस पर बैंकों को आरबीआई के पास जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है। बाजार में जब ज्यादा नकदी हो जाती है तो आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है। इसके पीछे मकसद बैंकों को ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम RBI के पास जमा कराना है। वहीं हरेक बैंक को अपनी कुल नकदी का एक तय हिस्सा रिजर्व बैंक के पास जमा करना होता है। इसे Cash Reserve ratio (CRR) कहते हैं।

    फेड रिजर्व बढ़ा सकता है दर

    आरबीआई गवर्नर का बयान ऐसे समय आया है जब वैश्विक मुद्रास्फीति भारत की ग्रोथ रिकवरी के लिए एक चुनौती बन गई है। यह भी खबर है कि यूएस फेडरल रिजर्व रिकॉर्ड मुद्रास्फीति को काबू करने के लिए प्रमुख ब्‍याज दर में 50 आधार अंक की बढ़ोतरी कर सकता है।