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अगर आपने लिया है गोल्ड लोन, तो इसके रीपेमेंट के लिए ये चार विकल्प है सबसे बेहतर

सोने के आभूषण खरीदना भारतीय परिवारों में सदियों पुरानी परंपरा रही है। विवाह के दौरान आभूषण खरीदने के अलावा भारतीय लोग धनतेरस और अक्षय तृतीया जैसे शुभ अवसरों के दौरान भी सोना खरीदते हैं। ऐसी मान्यता है कि सोना खरीदने से परिवार में समृद्धि आती है।

By NiteshEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 06:30 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 09:57 AM (IST)
अगर आपने लिया है गोल्ड लोन, तो इसके रीपेमेंट के लिए ये चार विकल्प है सबसे बेहतर
Have you taken a gold loan choose gold loan repayment option based on your cash flows

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सोने के आभूषण खरीदना भारतीय परिवारों में सदियों पुरानी परंपरा रही है। विवाह के दौरान आभूषण खरीदने के अलावा, भारतीय लोग धनतेरस और अक्षय तृतीया जैसे शुभ अवसरों के दौरान भी सोना खरीदते हैं। ऐसी मान्यता है कि सोना खरीदने से परिवार में समृद्धि आती है। अचल संपत्ति और एफडी जमा की तरह, सोना भी एक संपत्ति है जिसे भारतीय खरीदना पसंद करते हैं, क्योंकि सोना वित्तीय संकट के समय काम आता है।

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सोने के बदले कर्ज लेना न केवल आसान है, बल्कि लागत प्रभावी भी है। गोल्ड लोन पर ब्याज दर पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड के बदले लोन पर ब्याज दर से कम है, क्योंकि यह एक सुरक्षित कर्ज है। किसी को भी 30 मिनट के भीतर गोल्ड लोन मिल सकता है। इसके अलावा, आपको कई भुगतान विकल्प मिलते हैं। अगर आपने गोल्ड लोन लिया है तो आप उसे कुछ विकल्प के साथ चुकता कर सकते हैं। 

ईएमआई पहले चुकाएं

इस विकल्प के माध्यम से आप गोल्ड लोन की ईएमआई शेड्यूल के अनुसार ब्याज राशि का भुगतान कर सकते हैं।

बुलेट रीपेमेंट

बुलेट रीपेमेंट में बैंक मासिक आधार पर ब्याज लेते हैं। यह छह महीने से एक वर्ष के छोटे कार्यकाल के लिए उपयुक्त है। इस तरह के गोल्ड लोन में आपको ईएमआई की जरूरत नहीं चाहिए होती है।

आंशिक भुगतान

इस रीपेमेंट विकल्प में जब भी आपके पास पर्याप्त बचत होती है, तो आप अपने गोल्ड लोन कर्जदाता को आंशिक भुगतान कर सकते हैं। इस रीपेमेंट विकल्प में आपको EMI शेड्यूल की सेवा लेने की जरूरत नहीं है। कर्जदाताओं पूर्व-निर्धारित ईएमआई शेड्यूल के बावजूद, ब्याज और आंशिक या पूर्ण भुगतान करने की अनुमति देते हैं। यदि आप शुरू में अपने मूलधन का भुगतान करते हैं, तो आपका कुल ब्याज भुगतान, जिसे आमतौर पर कर्ज की बकाया राशि की दैनिक गणना की जाती है, कम करने के लिए बाध्य है। इस तरह आप बहुत अधिक ब्याज पर बचत कर सकते हैं।

नियमित मासिक EMI

यह मुख्य रूप से वेतनभोगी वर्ग के लिए एक मानक कर्ज चुकौती विकल्प है जिसमें मासिक नकदी आती रहती है। 

भारत में सोने की मांग जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान 30 प्रतिशत घटकर 86.6 टन रह गई। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। गोल्ड के दाम में बढ़ोतरी से भी मांग में कमी आई है। डब्ल्यूजीसी Q3 गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट के अनुसार, 2019 की तीसरी तिमाही के दौरान समग्र मांग 123.9 टन रही।


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