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    शादीशुदा लोगों को बैंक देती है खास ऑफर, पति और पत्नी दोनों मिलकर चुका सकते हैं होम लोन, जानिए

    By Praveen DwivediEdited By:
    Updated: Thu, 27 Oct 2016 03:12 PM (IST)

    नया घर खरीदने का मन बना चुके हैं, लेकिन होम लोन की किश्तों की फिक्र आपको सता रही है तो ऐसे में आपकी पत्नी इसमें आपकी काफी मदद कर सकती है। ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली: नया घर खरीदने का मन बना चुके हैं, लेकिन होम लोन की किश्तों की फिक्र आपको सता रही है तो ऐसे में आपकी पत्नी इसमें आपकी काफी मदद कर सकती है। आप होमलोन की किश्तों को अपनी पत्नी के साथ बांट सकते हैं। जी हां बैंक एक ही घर को खरीदने, कंस्ट्रक्शन और री-कंस्ट्रक्शन के लिए परिवार में कमाने वाले दो अलग-अलग (इंडिविजुअल) लोगों को एक साथ ज्वाइंट होमलोन का विकल्प भी देते हैं।

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    क्या है ज्वाइंट होम लोन का लाभ:

    ज्वाइंट होम लोन का सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि लोन देते वक्त बैंक दोनों की आय को ध्यान मे रखते हुए लोन अमाउंट तय करता हैं। इस तरह आपको इंडिविजुअल की तुलना में अधिक लोन मिल सकता है। वहीं ईएमआई का बोझ भी दोनों के बीच बंट जाता है। साथ ही यह टैक्स सेविंग के लिए भी काफी मददगार होता है।

    किन रिश्तों में मिल सकता है ज्वाइंट होमलोन:

    अगर एक परिवार में दो लोग कमाते हैं, तो बैंक दोनों इंडिविजुअल के डॉक्यूमेंट्स के आधार पर ज्वाइंट होम लोन देने के लिए राजी हो जाते हैं। इसके तहत बैंक पति-पत्नी, पिता पुत्र, पिता पुत्री, मां बेटा और मां बेटी जैसे रिश्तों को होम लोन देते हैं। लेकिन सामाजिक संरचना को देखते हुए अधिकांश बैंक भाई बहन को एक साथ लोन नहीं देते। भारतीय स्टेट बैंक के एक होमलोन अफसर के मुताबिक बैंक सबसे आसानी और जल्दी से पति और पत्नी को ज्वाइंट होम लोन दे देते हैं। वहीं कुछ बैंक उम्र में अधिक अंतर होने के चलते भी पिता और माता को पुत्र या फिर पुत्री के साथ ज्वाइंट होमलोन देने से मना कर सकते हैं।

    टैक्स सेविंग के लिए मददगार है ज्वाइंट होमलोन:

    शहरी परिवारों में पति पत्नी दोनों नौकरीपेशा होते हैं। ऐसे में दोनों को टैक्स सेविंग के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे में दोनों मिलकर होम लोन के लिए आवेदन करते हैं तो टैक्स सेविंग का लाभ दोनों को मिल सकता है। इनकम टैक्स एक्ट 24(b) के तहत होम लोन के इंटरेस्ट पर दो लाख तक छूट क्लेम कर सकते हैं, जबकि इनकम टैक्स एक्ट 80C के तहत प्रिंसिपल अमाउंट पर 1.5 लाख रुपए तक का क्लेम किया जा सकता है। ज्वाइंट होमलोन की स्थिति में दोनों आवेदक अलग-अलग टैक्स छूट के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

    ज्वाइंट होम लोन लेते वक्त रखें इन बातों का ख्याल:

    लोन देते समय बैंक सबसे पहले सिबिल स्कोर जांचता हैं। ज्वाइंट होम लोने लेते समय पति पत्नी दोनों का सिबिल स्कोर अच्छा होना चाहिए। सिबिल स्कोर अच्छा न होने की स्थिति में लोन लेने में परेशानी आ सकती है। वहीं दूसरी ओर टैक्स छूट हासिल करने दोनों एप्लीकेंट को साथ-साथ ईएमआई का भुगतान करना चाहिए। यदि केवल एक व्यक्ति ही ईएमआई का भुगतान करता है तो दूसरा इनकम टैक्स में छूट क्लेम नहीं कर सकता है।

    ज्वाइंट होम लोन के क्या हैं नुकसान:

    यदि ज्वाइंट होम लोन में आपका पार्टनर किस्त डिफॉल्ट कर देता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी आप पर होगी और आपको आगे होम लोन लेने में परेशानी आ सकती है। इस स्थिति में आप ज्वाइंट होम लोन को सिंगल होम लोन में बदलवा सकते हैं, लेकिन यह करना पूरी तरह से बैंक पर निर्भर करता है।

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