टेंडर पाम सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल ने हासिल की एक और बड़ी उपलब्धि, बिना ओपन हार्ट सर्जरी के सफल माइट्रल वाल्व रिपेयर प्रक्रिया की पूरी
टेंडर पाम सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल ने बिना ओपन हार्ट सर्जरी के माइट्रल वाल्व रिपेयर की सफल प्रक्रिया पूरी की। डॉक्टरों की टीम ने आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके मरीज के वाल्व को रिपेयर किया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह तकनीक हृदय रोगियों के लिए एक वरदान है। अस्पताल मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।

ब्रांड टीम, लखनऊ। लखनऊ के टेंडर पाम सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल ने उन्नत हृदय उपचार के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल में भारत में बने स्वदेशी डिवाइस MyClip की मदद से Mitral Valve Transcatheter Edge-to-Edge Repair (M-TEER) प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। यह उत्तर प्रदेश में पहली बार हुआ है और वह भी बिना ओपन-हार्ट सर्जरी किए हुए।
टेंडर पाम हॉस्पिटल के कार्डियक साइंसेज के डायरेक्टर डॉ गौतम स्वरूप के अनुसार, मरीज 53 वर्षीय महिला – डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी (DCMP) से पीड़ित थीं, जिनका हृदय केवल 25% दक्षता से पंप कर रहा था। कोरोनरी एंजियोग्राफी सामान्य होने के बावजूद, उन्हें हार्ट फेल्योर और बार-बार होने वाली वेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया के कारण कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।

इससे पहले मरीज में CRT-D डिवाइस लगाया गया था, जिससे कुछ सुधार हुआ, लेकिन सांस फूलने की समस्या बनी रही। जांच में Severe Mitral Regurgitation (MR) – यानी माइट्रल वाल्व में लीकेज – का पता चला, जिसके लिए M-TEER (MyClip) प्रक्रिया की सलाह दी गई।
डॉ. स्वरूप और उनकी टीम ने यह मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया करने का निर्णय लिया, जिसे केवल 45 मिनट में सफलतापूर्वक पूरा किया गया, और मरीज को दो दिनों के भीतर डिस्चार्ज कर दिया गया।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि में डॉ. मोहित मोहन सिंह, डॉ. आदेश कुमार सिंह, और डॉ. कृष्ण कुमार साहनी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। डॉ स्वरूप ने कहा, "जिन मरीजों में सर्जरी का जोखिम अधिक होता है, उनके लिए M-TEER प्रक्रिया वाल्व लीकेज को ठीक करने का एक सुरक्षित और प्रभावी मिनिमली इनवेसिव विकल्प है।"
Note:- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।