नागपुर में जल्द शुरू होगा 'पतंजलि मेगा फूड एंड हर्बल पार्क', अब तक 700 करोड़ का निवेश, 10,000 लोगों को मिलेगा रोजगार
नागपुर में जल्द शुरू होने वाला पतंजलि मेगा फूड एंड हर्बल पार्क किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगा। अब तक 700 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है जबकि कुल 1500 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना है। इस परियोजना से करीब 10000 युवाओं को रोजगार मिलेगा। प्रथम फेज में यहां सिट्रस फ्रूट्स और टेट्रा पैक का कमर्शियल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट शुरू किया जाएगा।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। नागपुर के मिहान (मल्टी-मॉडल इंटरनेशनल कार्गो हब और एयरपोर्ट) क्षेत्र में स्थित 'पतंजलि मेगा फूड एंड हर्बल पार्क' आगामी 9 मार्च 2025 से परिचालन के लिए तैयार होगा। इस फूड प्रोसेसिंग यूनिट को स्थापित करने हेतु भूमि पूजन का कार्य सितम्बर 2016 में किया गया था।
नागपुर में स्थापित होने वाला यह प्लांट विशेष रूप से फलों और सब्जियों के प्रोसेसिंग पर केंद्रित है। यहां सिट्रस और ट्रॉपिकल फलों को प्रोसेस करके जूस, जूस कन्संट्रेट, पल्प, पेस्ट और प्यूरी का उत्पादन किया जाएगा। जैसा कि विदित है, नागपुर 'ऑरेंज सिटी' के रूप में प्रसिद्ध है। यहां संतरा, कीनू, मौसम्मी, नींबू आदि सिट्रस फलों की प्रचुरता को ध्यान में रखते हुए पतंजलि ने एक सिट्रस प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया है। इस प्लांट में प्रति दिन 800 टन सिट्रस फ्रूट प्रोसेस कर फ्रोजन जूस कंसंट्रेट बनाया जाएगा। यह जूस 100% प्राकृतिक होगा और इसमें किसी भी प्रकार के प्रिजर्वेटिव या शुगर का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
इस प्लांट में सिर्फ सिट्रस ही नहीं, बल्कि अन्य ट्रॉपिकल फलों का भी प्रसंस्करण किया जाएगा जिसमें शामिल हैं: आंवला प्रतिदिन 600 टन, आम प्रतिदिन 400 टन, अमरूद प्रतिदिन 200 टन, पपीता प्रतिदिन 200 टन, सेव प्रतिदिन 200 टन, अनार प्रतिदिन 200 टन, स्ट्रॉबेरी प्रतिदिन 200 टन, प्लम प्रतिदिन 200 टन, नाशपाती प्रतिदिन 200 टन, टमाटर प्रतिदिन 400 टन, लौकी प्रतिदिन 400 टन, करेला प्रतिदिन 400 टन, गाजर 160 टन, एलोविरा प्रतिदिन 100 टन। इन सभी फलों और सब्जियों को वैश्विक मानकों के अनुसार प्रोसेस कर जूस, जूस कंसंट्रेट, पल्प, पेस्ट और प्यूरी का उत्पादन किया जाएगा। फलों की सीधे प्रोसेसिंग की इस प्रक्रिया को 'प्राइमरी प्रोसेसिंग' कहा जाता है।
इसके साथ ही रीटेल पैकिंग प्रक्रिया को सेकेंडरी प्रोसेसिंग कहा जाता है। इसके लिए नागपुर फैक्ट्री में टेट्रा पैक यूनिट भी स्थापित की जाएगी। पतंजलि का उद्देश्य लोगों को आरोग्य प्रदान करना है। उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, टेट्रा पैक एसेप्टिक पैकेजिंग में किसी भी प्रकार के प्रिजर्वेटिव या शुगर का उपयोग किए बिना प्रीमियम उत्पाद उपलब्ध कराए जाते हैं।
पतंजलि के इस प्लांट की एक और यूएसपी (USP) यह है कि इसमें बाय-प्रोडक्ट्स को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाता। उदाहरण के लिए, संतरे से जूस निकालने के बाद इसके छिलके का पूर्ण उपयोग किया जाता है। संतरे के छिलकों में कोल्ड प्रेस तेल (CPO) होता है, जिसकी बाजार में काफी मांग है।
इसके अलावा, नागपुर ऑरेंज बर्फी में उपयोग होने वाला प्रीमियम पल्प भी पतंजलि द्वारा निकाला जा रहा है। इसके साथ ही, ऑयल-बेस्ड अरोमा और वाटर-बेस्ड अरोमा एसेंस भी तैयार किए जा रहे हैं। कॉस्मेटिक्स और अन्य वैल्यू-एडेड उत्पादों के लिए संतरे के छिलकों का पाउडर भी बनाया जा रहा है। यहां कोई भी बाय-प्रोडक्ट व्यर्थ नहीं जाता।
इसके अतिरिक्त, यहां आटा मिल भी स्थापित की गई है, जिसमें प्रतिदिन 100 टन गेहूं प्रोसेस किया जाता है और इसे पतंजलि की बिस्कुट यूनिट्स (जालना, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना आदि) में सप्लाई किया जाता है। इसके लिए पतंजलि सीधे किसानों से गेहूं खरीदती है और यदि मांग अधिक होती है तो ट्रेडर्स या एफसीआई से संपर्क किया जाता है।
प्रथम फेज में यहां सिट्रस फ्रूट्स और टेट्रा पैक का कमर्शियल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट शुरू किया जाएगा। अब तक 1000 टन मौसम्मी प्रोसेस की जा चुकी है और ऑरेंज प्रोसेसिंग का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है। साथ ही, ट्रॉपिकल फलों के लिए सभी आवश्यक मशीनें स्थापित की जा रही हैं।
फलों और सब्जियों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए, पतंजलि ने इस फैक्ट्री के माध्यम से बिचौलियों की भूमिका समाप्त कर दी है। कंपनी सीधे किसानों से उनकी उपज खरीदती है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है। यदि सीधे किसानों से मांग पूरी नहीं होती, तो ही पतंजलि ट्रेडर्स से खरीदारी करती है। इसके साथ ही, किसानों को बैकवर्ड इंटीग्रेशन के अंतर्गत एग्रीकल्चर सपोर्ट भी प्रदान किया जाता है।
पतंजलि की ही अन्य कंपनी "भरुवा एग्री साइंस" द्वारा विकसित "धरती का डॉक्टर" मशीन की सहायता से किसानों की मिट्टी की जांच कर उन्हें आवश्यक पोषक तत्वों और उपयुक्त फसलों के बारे में जानकारी दी जाती है। साथ ही, पतंजलि द्वारा निर्मित जैविक खाद और सैम्पलिंग नर्सरी भी किसानों को उपलब्ध कराई जाती है। इसके अलावा, फसल तैयार होने के बाद पतंजलि यह गारंटी भी देती है कि वह किसानों की उपज खरीदेगी।
रोजगार सृजन के तहत, पतंजलि नागपुर प्लांट के माध्यम से अब तक 500 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दिया गया है। जैसे-जैसे कार्य विस्तार लेगा, यह संख्या तेजी से बढ़ेगी। जल्द ही यह प्लांट 10,000 लोगों को रोजगार प्रदान करेगा।
इस प्लांट से 1000 करोड़ रुपये का वार्षिक टर्नओवर होने की उम्मीद है। अब तक 700 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है और कुल 1500 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना है। इस परियोजना के कारण नागपुर में इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी।
नोट: यह लेख ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।
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