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    पतंजलि योगपीठ में मना गुरु पूर्णिमा महोत्सव, स्वामी रामदेव ने कहा- पूरे विश्व को भारत से मिलेगी नई दिशा

    Updated: Fri, 11 Jul 2025 12:20 PM (IST)

    इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि गुरु पूर्णिमा सनातन धर्म को युग धर्म के रूप में स्थापित करने का पर्व है। यह भारत की गौरवशाली गुरु-शिष्य परम्परा ऋषि परम्परा वेद परम्परा व सनातन परम्परा का परिचायक तथा इनको पूर्णता प्रदान करने वाला पर्व है। उन्होंने कहा क़ि वेद ऋषि और गुरु धर्म में राष्ट्र धर्म भी समाहित हैं।

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    स्वामी रामदेव ने कहा कि सनातन धर्म को युग धर्म के रूप में स्थापित करने का पर्व है गुरु पूर्णिमा

    ब्रांड टीम, हरिद्वार। गुरु-शिष्य परम्परा का प्रतीक ‘गुरु पूर्णिमा’ पर्व पतंजलि योगपीठ के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी रामदेव व महामंत्री आचार्य बालकृष्ण के सान्निध्य में पतंजलि वैलनेस, योगपीठ-2 स्थित योगभवन ऑडिटोरियम में आस्था व समर्पण के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में स्वामी रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण ने एक-दूसरे को माला पहनाकर गुरु पूर्णिमा पर्व की शुभकामनाएं दीं।

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    इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि गुरु पूर्णिमा सनातन धर्म को युग धर्म के रूप में स्थापित करने का पर्व है। यह भारत की गौरवशाली गुरु-शिष्य परम्परा, ऋषि परम्परा, वेद परम्परा व सनातन परम्परा का परिचायक तथा इनको पूर्णता प्रदान करने वाला पर्व है। उन्होंने कहा क़ि वेद, ऋषि और गुरु धर्म में राष्ट्र धर्म भी समाहित हैं। उन्होंने पतंजलि विवि के विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपको ऋषित्व और देवत्व में जीना हैं, इसी से जगत में नई क्रांति का संचार होगा।

    उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। वर्चस्व सत्य, योग, अध्यात्म व न्याय का होना चाहिए। अलग-अलग कारणों से पूरी दुनिया में अलग-अलग प्रकार के वैचारिक उन्माद, मजहबी उन्माद, भौतिकवाद, इंटिलेक्चुअल टैरिरिज्म, रिलिजियस टैरिरिज्म, पॉलिटिकल, इकॉनोमिकल टैरेरिज्म, मेडिकल टैरेरिज्म, एजुकेशनल टैरेरिज्म चल रहे हैं। ऐसे में पूरे विश्व को भारत से शिक्षा, चिकित्सा, आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक दिशा मिलेगी और भारत की प्रतिष्ठा विश्वगुरु के रूप में होगी।

    इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि गुरु पूर्णिमा पर्व गुरु-शिष्य परम्परा को प्रदर्शित करने का पर्व है किंतु इसकी सार्थकता तभी है जब हम अपने गुरु पर पूर्ण आस्था रखते हुए उनके बताए मार्ग का अनुसरण करें। उनके द्वारा बताए गए नियमों का आलम्बन लेकर अपने जीवन को सद़्मार्ग पर ले जाएं। उन्होंने कहा कि भारत गुरु-शिष्य परम्परा, योग, आयुर्वेद, सनातन, वैदिक ज्ञान के जरिये ही विश्व गुरु बनेगा। अपने जीवन में किसी ऐसे आदर्श गुरु, महापुरुष का आश्रय व आलम्बन लें जिससे जीवन की उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो।

    इस अवसर पर भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष एनपी सिंह ने सनातन क़ो प्रणाम करते हुए कहा कि गुरु पूर्णिमा का यह दिव्य वातावरण अद्भुत है। स्वामी रामदेव जी और आचार्य बालकृष्ण जी के आशीर्वाद से शिक्षा में समग्र क्रांति का सूत्रपात पतंजलि के माध्यम से किया जा रहा है।

    कांवड़ मेले में शिवभक्त श्रद्धालुओं के लिए पतंजलि योगपीठ के माध्यम से अखण्ड भण्डारे की व्यवस्था की गई है जिसमें स्वामी जी महाराज ने श्रद्धालुओं को भोजन वितरण किया। इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ से सम्बद्ध सभी इकाईयों के सेवाप्रमुख, संन्यासीगण, इकाई प्रमुख, विभागाध्यक्ष, प्रभारीगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।