बच्चे के लिए दंपति कैसे करें Financial Planning, भारत में IVF के लिए लाखों में आती है लागत
भारत में IVF की लागत लाखों में होने के कारण, बच्चे के लिए वित्तीय योजना बनाना महत्वपूर्ण है। IVF उपचार, गर्भावस्था और बच्चे की देखभाल के खर्चों को शाम ...और पढ़ें

IVF में खर्च किन बातों से बढ़ता है और विकल्प क्या हैं
ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपको पता है के IVF के कीमत क्या होते है? हर दंपति का सपना होता है कि वे एक दिन माता-पिता बनें। लेकिन जब प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण नहीं हो पाता, तो IVF एक उम्मीद बनता है। भारत में लगभग 27.5 मिलियन दंपति गर्भधारण में समस्या का सामना कर रहे हैं। समस्या यह है कि इसकी कीमत कई बार बहुत ज़्यादा होती है। भारत में IVF की औसत लागत 1.2 लाख से 2.5 लाख तक होती है। मेट्रो सिटी में खर्च ज़्यादा और टियर 2 सिटी में थोड़ा कम होता है।
IVF का खर्च किन कारणों से बढ़ता है? (Factors That Increase IVF Cost)
IVF का खर्च हर महिला के लिए अलग होता है। यह कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे उम्र, ओवरी की हेल्थ, एडवांस तकनीक, हॉस्पिटल की फीस और दवाइयों की कीमत।
- 2025 में IVF की लागत का सामान्य अनुमान इस प्रकार है। एक बेसिक IVF साइकिल की कीमत 1,20,000 से 2,50,000 तक होती है।
- यदि आप ICSI ऐड-ऑन जोड़ते हैं, तो इसका खर्च प्रति साइकिल 20,000 से 50,000 तक आता है।
- ब्लास्टोसिस्ट कल्चर के लिए लगभग 10,000 से 25,000 खर्च आ सकता है।
- एम्ब्रियो फ्रीजिंग की लागत प्रति वर्ष 15,000 से 30,000 तक होती है।
- फ्रोजन एम्ब्रियो ट्रांसफर (FET) की कीमत 30,000 से 60,000 के बीच रहती है।
- वहीं, PGT-A टेस्ट प्रति एम्ब्रियो 20,000 से 40,000 तक हो सकता है।
यह सभी खर्च आम तौर पर IVF प्रक्रिया में शामिल अलग-अलग विकल्पों के आधार पर बदल सकते हैं।भारत में परिवार बढ़ाने की योजना बना रहे लोगों के लिए India IVF लागत तुलना 2025 एक उपयोगी गाइड साबित हो सकती है।
रेंज शहर और क्लिनिक के अनुसार बदलते हैं; सटीक चार्ज क्लिनिक से पुष्टि करें।
उम्र और ओवरी की हेल्थ का असर
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, अंडाणु की गुणवत्ता घटती है। 35 वर्ष के बाद सफलता दर कम हो जाती है। ऐसे में ज्यादा दवाइयों और इलाज की जरूरत से IVF खर्च बढ़ता है।
कितने IVF साइकिल की ज़रूरत पड़ती है (single vs multiple cycles)
कभी-कभी एक साइकिल में गर्भ नहीं ठहरता। तब दूसरी या तीसरी साइकिल करनी पड़ती है। हर साइकिल की जांच, दवाइयाँ और डॉक्टर की फीस जुड़ती है। इसलिए कुल IVF खर्च बढ़ जाता है।
अंडाणु (Egg) या शुक्राणु (Sperm) donor की जरूरत
अगर महिला के अंडाणु या पुरुष के शुक्राणु ठीक नहीं होते, तो डोनर की मदद ली जाती है। डोनर का शुल्क, टेस्ट और तैयारी का खर्च IVF की कुल लागत बढ़ा देता है।
एम्ब्रियो फ्रीजिंग, ICSI, Blastocyst जैसी एडवांस तकनीक का खर्च
IVF में कई एडवांस तकनीकें उपयोग होती हैं। जैसे ICSI, Blastocyst या एम्ब्रियो फ्रीजिंग। इन तकनीकों से सफलता दर बढ़ती है, लेकिन इनके इस्तेमाल से खर्च काफी बढ़ जाता है।
हॉस्पिटल लोकेशन, डॉक्टर फीस और दवाइयों का फर्क
बड़े शहरों में IVF सेंटर और दवाइयों का खर्च ज्यादा होता है। डॉक्टर की विशेषज्ञता और अनुभव के अनुसार फीस अलग होती है। इससे IVF की कुल लागत बढ़ जाती है।
IVF फेल होने पर दोबारा ट्राई करने का खर्च
अगर पहली IVF साइकिल फेल हो जाती है, तो दोबारा करवाने पर फिर से जांच और दवाइयों का खर्च लगता है। दोहराए गए इलाज से कुल खर्च काफी बढ़ जाता है। भारत में IVF की कीमत प्रति साइकिल 1,20,000 से 2,50,000 तक होती है। इसमें परामर्श, स्कैन, दवाइयाँ, अंडाणु निकासी, निषेचन और भ्रूण स्थानांतरण शामिल हैं। ICSI या PGT जैसी अतिरिक्त प्रक्रियाएँ कीमत तक़रीबन 25k-80k तक बढ़ा सकती हैं।
किफायती विकल्प और नोट
IVF महंगा जरूर है, पर सही योजना से खर्च कम हो सकता है। सरकारी केंद्र, बीमा, या EMI योजनाओं से आर्थिक बोझ हल्का किया जा सकता है।
सरकारी/शिक्षण अस्पतालों के ART केंद्र जांचें
सरकारी या शिक्षण अस्पतालों में बने ART केंद्र IVF इलाज सस्ती दरों पर उपलब्ध कराते हैं। यहाँ विशेषज्ञ डॉक्टर और अच्छी सुविधाएँ होती हैं, जिससे इलाज सुरक्षित और किफ़ायती बनता है।
EMI/वित्तीय विकल्प और बीमा अपवर्जन समझें
कई क्लिनिक EMI या आसान किस्त योजनाएं देते हैं। बीमा कंपनियाँ अक्सर IVF को कवर नहीं करतीं, इसलिए पहले शर्तें ध्यान से पढ़ें और खर्च का अनुमान सही लगाएं।
दूसरी राय लेना उपयोगी है
IVF शुरू करने से पहले दूसरे डॉक्टर से राय लेना समझदारी है। इससे सही उपचार, बेहतर कीमत और सफलता की संभावना बढ़ती है। हमेशा विश्वसनीय क्लिनिक चुनें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी हेतु है। उपचार का निर्णय अपने डॉक्टर की सलाह पर लें।

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