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    ठंड की दस्तक के साथ जहरीली हुई शहर की हवा, फेफड़ों के लिए खतरा

    By Manoj Mishra Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sun, 14 Dec 2025 05:49 PM (IST)

    winter air pollution: पश्चिम चंपारण में ठंड के आगमन के साथ ही शहर की हवा जहरीली हो गई है, जिससे लोगों के फेफड़ों को खतरा बढ़ गया है। वायु गुणवत्ता में ...और पढ़ें

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    air pollution health risk:

    जागरण संवाददाता, बेतिया(पश्चिम चंपारण)।AQI winter season : ठंड बढ़ने के साथ ही नगर के हवा का प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। हवा में प्रदूषण के रोकथाम के उपाय नहीं होने के कारण धीरे-धीरे हवा तेजी से दूषित हो रही है।

    यह हवा स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। सांस के माध्यम से धीरे-धीरे फेफड़ों में जहर भरा रहा है। रविवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे नगर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 141 रिकॉर्ड किया गया। जो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।

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    खासकर सांस से संबंधित और हार्ड के मरीजों के लिए यहां की हवा जहर के समान हो गई। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) मानक से ज्यादा हो जाने पर नगर के लोग भी चिंतित हैं।

    पूर्व वार्ड पार्षद छोटे सिंह, दिनेश सिंघानिया, सरफराज आलम ने कहा कि एक्यूआई लगातार बढ़ रहा है। लेकिन प्रशासन उदासीन बना हुआ है। बढ़े एयर क्वालिटी इंडेक्स को नियंत्रित करने के लिए ठोस पहल नहीं हो रही है।

    जिससे लोग जहरीली हवा में सांस लेकर बीमार पड़ रहे हैं। नगर में जगह-जगह बिखरे कूड़े कचरे से निकलने वाले संडास, धुआ उगलते वाहन, सड़क जाम, आग के लिए कोयला का उपयोग, सड़कों पर उड़ रहे धूल कण के कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स मानक से काफी बढ़ गया है।

    चिकित्सक डा.प्रज्जवल कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 के आसपास रहना बेहतर है। एक्यूआई 100 रहे तब भी नुकसान नहीं। लेकिन एयर क्वालिटी इंडेक्स इससे ज्यादा होने का मतलब है कि हवा में प्रदूषण है।

    प्रदूषित हवा में घुले मिले कण आंखों में जलन की समस्या पैदा करते हैं। सांस के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। ऐसे में खांसी, सांस लेने में दिक्कत, फेफड़ों में इन्फेक्शन, नाक, कान और गले में इन्फेक्शन, स्किन से जुड़ी समस्याएं, बालों का झड़ना आदि समस्याएं पैदा करते हैं।

    जो लोग पहले से सांस के मरीज है, अस्थमा, हार्ट और बीपी के मरीज है, उन्हें इस बीच खासतौर पर सावधानी बरतनी चाहिए। इस हवा में सांस लेने पर हृदय रोग, अस्थमा, एलर्जी, सर्दी-खांसी, चर्म रोग की शिकायतें बढ़ जाती है।

    बचाव के उपाय

    • बेहतर क्वालिटी के मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें
    • सुबह की सैर पर जाने से बचें
    • घर से बाहर निकलना हो तो शरीर को अच्छे से कवर करके ही बाहर जाएं
    • बाहर निकलते समय आंखों पर चश्मा पहनें
    • बाहर से वापस आने पर हाथ-मुंह को अच्छे से धोने के बाद अपनी आंखों को ठंडे और साफ पानी से क्लीन करें
    • घर के गमलों में पीपल, मनीप्लांट, तुलसी आदि पौधे लगाएं, ताकि आपके आसपास की हवा शुद्ध रहे
    • शरीर में पानी की कमी न होने दें, दिनभर में भरपूर पानी पीएं
    • योग और एक्सरसाइज घर में रहकर ही करें
    • खाने में हरी सब्जियां और जूस लें, इन्हें बनाने से पहले अच्छे से धोएं
    • बाहरी चीजों को खाने से परहेज करें
    • सांस के मरीज हैं तो घर से बाहर निकलने से बचें
    • घर के दरवाजे और खिड़कियों को बंद रखें
    • रोज एक गिलास गुनगुना दूध पिएं
    • हरी पत्तेदार सब्जियां, साग, गोभी, शलजम आदि भोजन में शामिल करें

     एक्यूआइ टेबल

    क्रम संख्या जगह एक्यूआई
    I लालबाजार 132
    II कमलनाथ नगर 133
    III छावनी 136

     

    एक्यूआई (AQI) स्तर और स्वास्थ्य प्रभाव

    क्रम संख्या एक्यूआई रेंज वायु गुणवत्ता स्वास्थ्य प्रभाव
    I 0-50 अच्छा वायु गुणवत्ता संतोषजनक है; बाहर गतिविधियाँ करने में कोई जोखिम नहीं।
    II 51-100 संतोषजनक वायु गुणवत्ता स्वीकार्य है; संवेदनशील लोगों को मामूली असुविधा हो सकती है।
    III 101-200 मध्यम संवेदनशील लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है; सामान्य लोग प्रभावित नहीं होते।
    IV 201-300 खराब हर कोई स्वास्थ्य प्रभाव महसूस कर सकता है; संवेदनशील लोगों के लिए गंभीर प्रभाव।
    V 301-400 बेहद खराब लंबे समय तक संपर्क से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव; संवेदनशील लोग अधिक प्रभावित।
    VI 401-500 गंभीर स्वास्थ्य चेतावनी: सभी लोग प्रभावित हो सकते हैं; बाहर की गतिविधियाँ कम करें।

    एयर क्वालिटी इंडेक्स को मानक के अनुरूप बनाए रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। शहर की साफ सफाई व अन्य एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं। लोगों के सेहत के लिए ठोस कार्रवाई होगी। हवा प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव कराया जाएगा।

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    गरिमा देवी सिकारिया, महापौर, बेतिया