पहले Lalu Yadav से मुलाकात और अब राजनीति में एंट्री के कयास? आखिर Manoj Bajpayee ने बता ही दी अपनी ख्वाहिश
बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी ने गुरुवार को पश्चिम चंपारण के बेलवा में स्कूल बच्चों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने राजनीति में जाने के सवालों पर भी जवाब दिया। अभिनेता ने कहा कि न मैं इसके पहले राजनीति में जाने की सोचता था और न ऐसी कोई मंशा है। मैं जिस क्षेत्र में हूं ठीक हूं। उन्होंने राजनीति में जाने की अटकलों को खारिज कर दिया।
जागरण संवाददाता, नरकटियागंज (पश्चिम चंपारण)। Manoj Bajpayee In Bihar गौनाहा के मध्य विद्यालय बेलवा बाजार में गुरुवार को मिशन निपुण बिहार के तहत बच्चों से बतकही कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि अभिनेता पद्मश्री मनोज बाजपेयी ने किया। निर्धारित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वे करीब 2 किमी स्वयं ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे। प्रधान शिक्षक अजय कुमार व अन्य शिक्षकों ने माला पहनाकर व स्क्वायर फाउंडेशन के श्वेता चौबे ने किताब व झोला देकर उन्हें सम्मानित किया।
'राजनीति में जाने की कोई मंशा नहीं'
बीते दिनों राजद सुप्रीमो लालू यादव से मिलने के बाद अभिनेता मनोज बाजपेयी की राजनीति में जाने की अटकलें लगाई जा रही थी। हालांकि, अब उन्होंने इस सिरे से खारिज कर दिया है। अभिनेता ने कहा कि न मैं इसके पहले राजनीति में जाने की सोचता था और न ऐसी कोई मंशा है। मैं जिस क्षेत्र में हूं, ठीक हूं।
मनोज बाजपेयी ने कुम्हार को बताया अपना गुरु
शिक्षा विभाग और मिशन निपुण बिहार के तहत स्क्वायर फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में अभिनेता ने बच्चों से सीधा संवाद किया। उनसे अपने इर्द-गिर्द काम कर रहे कुम्हार को गुरु बताया, जो मिट्टी से वस्तुएं गढ़ने में गणित और विज्ञान का उपयोग करता है। फिर छात्र नेयाज से विद्यालय कैंपस में पेड़ के बारे में पूछा। उसकी हॉबी को जाना। जिस पर पांच लाइन की कहानी तैयार कर बच्चों को कौशल विकास के लिए प्रेरित किया।
भोजपुरिया अंदाज में की बातचीत
इसके अलावा बच्ची अनिता कुमारी और शिवानी कुमारी से भी संवाद किया। पूरे कार्यक्रम में उन्होंने भोजपुरिया अंदाज में बच्चों के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि मन लगाकर विद्यालय में पढ़कर बड़ा आदमी बनें, ताकि प्रखंड, राज्य व देश का नाम रौशन हो सके। बच्चों से बतकही कार्यक्रम में उनकी सोंच और कौशल विकास पर खास जोर दिया।
मनोज बाजपेयी ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है अपने इस विद्यालय में आकर, जहां मैंने अक्षर ज्ञान पाया था। उन्होंने निपुण बिहार कार्यक्रम की सराहना की, जिसके तहत बच्चों को भाषा एवं गणित की बुनियादी कौशल उपलब्ध कराया जा रहा है। बताया कि इसी विद्यालय से मैने प्राइमरी शिक्षा ग्रहण की थी। पढ़ाई करते समय नहर में नहाने के लिए विद्यालय के शिक्षक द्वारा मेरी पिटाई भी होती थी। उन्होंने बच्चों से कहा कि नई चीजों की परिकल्पना करनी चाहिए। जितना ज्यादा से ज्यादा सोचेंगे, उतना नया से नया चीज सामने आएगा।
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