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    West Champaran News: पीएचसी बना रेफरल सेंटर, डिजिटल एक्स-रे बंद; आधा दर्जन से अधिक कर्मी नदारद

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 03:17 AM (IST)

    पश्चिम चंपारण में पीएचसी रेफरल सेंटर बन गया है, डिजिटल एक्स-रे सेवा बंद है। अस्पताल से आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी गायब हैं, जिससे मरीजों को भारी परेशा ...और पढ़ें

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    इलाज के लिए प्रतिदिन पहुंच रहे 50 से ज्यादा मरीज। फोटो जागरण

    संवाद सूत्र, हरनाटांड़। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरनाटांड़ में संसाधनों की भारी कमी के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी और लापरवाही के कारण मरीजों को समुचित स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। पीएचसी की पड़ताल में व्यवस्थाओं की गंभीर खामियां उजागर हुई हैं।

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    सोमवार सुबह करीब 11 बजे पीएचसी में स्थिति चिंताजनक दिखी। निबंधन काउंटर पर दो कर्मियों के स्थान पर मात्र एक कर्मी रवि कुमार मौजूद थे। वाइटल काउंटर पर भी दो की जगह केवल एएनएम स्तुति कुमारी ही कार्यरत पाई गईं।

    ओपीडी में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजेन्द्र काजी उपस्थित थे। दवा वितरण कक्ष में स्वास्थ्य कर्मी धर्मेंद्र मांझी के साथ दवा भण्डारपाल राकेश जायसवाल व परिवार कल्याण कार्यकर्ता अजय कुमार मौजूद थे।

    प्रसव कक्ष में एएनएम निर्मला कुमारी, रिंकू कुमारी एवं ममता विद्या देवी कार्यरत मिलीं। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर केवल गार्ड चांदनी कुमारी व बबिता कुमारी ही तैनात पाई गईं, जबकि कई अन्य गार्ड व स्वास्थ्य कर्मी नदारद रहे।

    यहां बीपीएमयू कार्यालय खाली दिखी तो दूसरी ओर स्थापना कार्यालय पर ताला लटकता दिखाई दिया। मौके पर न तो परिचारी उपलब्ध मिले न डाटा एंट्री आपरेटर और न ही लिपिक व लेखपाल ही उपलब्ध मिले।

    गैरहाजिर कर्मियों के संबंध में पूछे जाने पर बताया गया कि पीएचसी प्रभारी, बीएचएम व बीसीएम सहित अन्य कर्मचारी जिला मुख्यालय में आयोजित डीएम की बैठक में शामिल होने गए हैं।

    टायफाइड की जांच को छोड़ अन्य सभी जांच व पर्याप्त दवाएं उपलब्ध

    पीएचसी में प्रतिदिन 50 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें डॉग बाइट, सर्दी-खांसी एवं बुखार के मरीजों की संख्या अधिक है। औषधि वितरक के अनुसार ओपीडी में फिलहाल 133 प्रकार की दवाएं उपलब्ध बताई गई, जिनमें अधिकांश जीवन रक्षक दवाएं शामिल हैं।

    एंटी रेबीज वैक्सीन के साथ खांसी की दवाएं भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं। इसके अलावा प्रतिदिन औसतन आधा दर्जन प्रसूता प्रसव के लिए पीएचसी पहुंचती हैं। इधर, जांच घर में तैनात लैब तकनीशियन देवेंद्र कुमार सिंह व सुधीर यादव ने बताया कि पीएचसी में सीबीसी, ब्लड शुगर, एचआईवी, वीडीआरएल, हेपेटाइटिस-बी, डेंगू, मलेरिया, प्रेग्नेंसी टेस्ट, ट्रूनॉट, बलगम एवं हीमोग्लोबिन सहित कई जांचें की जा रही हैं। हालांकि टायफाइड की जांच की सुविधा फिलहाल उपलब्ध नहीं है।

    डिजिटल एक्स-रे व दंत चिकित्सा सेवा शुरू न होने से मरीज परेशान

    कई माह पूर्व संविदा के आधार पर डिजिटल एक्स-रे मशीन उपलब्ध करा दी गई थी, लेकिन अब तक न तो डार्क रूम का निर्माण हो सका है और न ही बेड व अन्य आवश्यक मशीनरी फिटिंग की व्यवस्था की गई है। संवेदक की लापरवाही के कारण यह सुविधा शुरू नहीं हो सकी है।

    वहीं, वर्षों से दंत चिकित्सा के उपकरण पीएचसी में पड़े-पड़े धूल फांक रहे हैं। दंत चिकित्सक की नियुक्ति नहीं होने के कारण मरीजों को इसका भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। कुल मिलाकर पीएचसी हरनाटांड़ में अव्यवस्था, संसाधनों की कमी और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते आम मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं से जूझना पड़ रहा है।