Bihar News: वोटर बिहार की, वेरिफिकेशन उत्तर प्रदेश के कागजात से; विवाहिताओं के सामने सबसे बड़ी टेंशन!
विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए विवाहित महिलाओं को दस्तावेज़ संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर नवविवाहिताओं को मायके से कागजात लाने में परेशानी हो रही है। गंडक पार क्षेत्र में जहां उत्तर प्रदेश से संबंध हैं महिलाओं को दस्तावेज जुटाने में कठिनाई हो रही है।

संवाद सहयोगी, बगहा। विधानसभा चुनाव के पूर्व वोटर लिस्ट में अपना नाम बनाए रखने के लिए विवाहिताओं के सामने समस्या खड़ी हो गई है। नवविवाहिता को मतदाता बनाने या नाम पूर्ववत रखने के लिए सत्यापन संबंधी कागजात के लिए मायके की भागदौड़ शुरू है।
दूरभाष व मोबाइल के माध्यम से पहले महिलाओं द्वारा मायकेवालों को जानकारी दी जा रही है कि फलां फलां कागजात की व्यवस्था कर दें, ताकि ससमय मतदाता गणना प्रपत्र भरा जा सके।
बगहा अनुमंडल स्थित गंडक पार के प्रखंड सीमावर्ती राज्य यूपी से सटा है। मधुबनी, ठकराहा, पिपरासी, भितहा प्रखंड के लोगों का अधिकांश संबंध यूपी में ही है। साथ ही मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में नवविवाहिता या विवाहिता का नाम वोटर लिस्ट में जोड़े रखना भी पहाड़ जैसा है। ऐसे में लोग मायके से अपने माता-पिता का भी कागजात ला रहे हैं।
ठकराहा की महिला मतदाता रेणु पाठक, नेहा देवी ने बताया कि मायका यूपी के महाराज गंज जिला में स्थित है। अपना गणना प्रपत्र भरने के साथ अपने पति की पहचान के साथ अपने माता पिता की पारिवारिक सूची की प्रति संलग्न की है। उन्होंने कहा कि इस सूची के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ी है।
देवीपुर निवासी रीता देवी ने बताया कि गणना प्रपत्र को भरने के लिए पति का 2003 की वोटर लिस्ट की छायाप्रति लगा दी हूं, लेकिन अपनी पहचान के लिए मेरे पास कोई कागजात नहीं है। यूपी के जटहां बाजार में मायका है। कई बार दस्तावेज के लिए मायके जा चुकी हूं, लेकिन दस्तावेज नहीं मिले हैं।
सविता देवी, उषा मिश्रा, किरण साह सहित अन्य ने बताया कि हमलोगों ने भी सत्यापन फॉर्म में नैहर से पारिवारिक सूची की छाया प्रति मंगाकर लगा दिया है, ताकि मतदाता सूची अपडेशन हो सके।
बताते चलें कि गंडक पार में पूरी आबादी का 85 प्रतिशत लोगों का रिश्ता यूपी के जिलों में हुआ है। उन्हें तत्काल मांगे गए दस्तावेज परिवार रजिस्टर का कॉपी, जमीन का रसीद समय से नहीं मिल पा रहा है।
गणना प्रपत्र को भरकर जमा करने के लिए अपने ससुराल से जरूरी दस्तावेज लाने के लिए कई दिनों तक चक्कर लगाना पड़ रहा है। यूपी की जिस लड़कियों की शादी बिहार में हुई है उनके लिए माननीय न्यायालय के आदेश को मान्य नहीं किया जा रहा है।
प्रति दिन बढ़ रहे आवेदनों की संख्या
मतदाताओं में पुनरीक्षण कार्य को लेकर अब रूचि बढ़ी है। डोर टू डोर बीएलओ द्वारा गणना प्रति उपलब्ध कराने व समझाने के बाद जागरूकता आई है। वोटर अब आवश्यक कागजात संलग्न करने के लिए जरूरी उपाय करने में जुट गए हैं। जैसे उदाहरण के तौर पर गंडक पार के मधुबनी प्रखंड को देखा जा सकता है।
मधुबनी प्रखंड में एक पंचायत से चार सौ आवेदन सिर्फ निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए किया गया है। प्रति दिन यहां आवेदनों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अब तक यहां करीब चार हजार आवेदन मिले हैं, जिसके निष्पादन में आरटीपीएस काउंटर पर कर्मी जुटे हुए हैं। ठीक इसी प्रकार से तीनों सेवाओं को मिलाकर बगहा दो प्रखंड में करीब आठ हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिसमें से सबसे ज्यादा आवासीय प्रमाण पत्र के हैं।
बगहा एक प्रखंड में प्रतिदिन छह सौ से सात सौ आवेदन निवास प्रमाण पत्र के लिए आ रहे हैं, जबकि ठकराहा में यह संख्या सौ से दो सौ तक की है। पिपरासी में यह आंकड़ा तीन सौ के आस पास है । रामनगर प्रखंड में भी पहले से ज्यादा आवेदन मिल रहे हैं।
निर्वाचन आयोग के नए गाइडलाइन के अनुसार अब तो सिर्फ गणना प्रपत्र ही भरकर अपने बीएलओ को देना है। ऐसे में मतदाताओं को वांछित कागजात संलग्न करने से छुटकारा मिल गया है। अब उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। - गौरव कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी, बगहा
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