पश्चिम चंपारण में बारिश से सड़क टूटी, ग्रामीणों ने खुद की मरम्मत
पश्चिम चंपारण के थरुहट क्षेत्र में भारी बारिश के कारण कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं जिससे आवागमन बाधित हो गया। हरनाटांड़-कटहरवा मार्ग पर सड़क टूटने से ग्रामीणों को परेशानी हुई। प्रशासन से मदद न मिलने पर ग्रामीणों ने स्वयं मिट्टी भरकर सड़क को अस्थायी रूप से ठीक किया। ग्रामीणों ने विभागीय मरम्मत में देरी होने पर फिर से सड़क टूटने की आशंका जताई है।

संवाद सूत्र, जागरण, हरनाटांड़। थरुहट क्षेत्र में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश के बाद उफनाई पहाड़ी नदियों ने कई सड़कों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिससे विभिन्न इलाकों में आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया।
इन्हीं में से एक हरनाटांड़ से कटहरवा को जोड़ने वाली मुख्य सड़क भी बाढ़ की चपेट में आकर पूरी तरह टूट गई थी। सड़क के टूटने से स्थानीय लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए करीब पांच किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही थी।
स्थानीय प्रशासन और विभागीय स्तर पर किसी भी प्रकार की त्वरित कार्रवाई नहीं होने के कारण ग्रामीणों को खुद ही सड़क मरम्मत की जिम्मेदारी उठानी पड़ी। शनिवार को ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से मिट्टी भराई कर क्षतिग्रस्त सड़क को अस्थायी रूप से चलने योग्य बना दिया। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक विभागीय मरम्मत नहीं होती। तब तक यह अस्थायी रास्ता लोगों के लिए राहत का काम करेगा।
ग्रामीण हंसराज राय, कुलदीप पटवारी, बीरेंद्र महतो, खूबलाल महतो, अवधेश प्रसाद, बासदेव प्रसाद, राजकुमार, धर्मराज महतो, बलिराम प्रसाद, संतोष प्रसाद, इंद्रमणि, मैमूल मियां, गोविंद और सुरेन्द्र ने बताया कि हरनाटांड़-कटहरवा मुख्य सड़क पर एक पुल बना हुआ है, जिसके पास बाढ़ के पानी से सड़क का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया था। बुधवार से ही राहगीरों, स्कूली बच्चों और मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
ग्रामीणों ने बताया कि अगर वे इंतजार करते रहते तो यह रास्ता कई दिनों तक नहीं बन पाता। उन्होंने कहा कि विभाग और प्रशासन की लापरवाही के चलते उन्हें खुद मजबूर होकर सड़क दुरुस्त करनी पड़ी। साथ ही चेताया कि यदि समय रहते स्थायी मरम्मत नहीं की गई तो यह सड़क फिर से ध्वस्त हो सकती है।
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