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    Vegetable Prices: बिहार में हरी सब्जियों की कीमत लाल, रसोई का बजट तीखा; गोभी का रेट 180 रुपये किलो

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 01:14 PM (IST)

    पश्चिम चंपारण में हरी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं जिससे आम आदमी का बजट बिगड़ गया है। कमजोर मानसून के कारण पैदावार कम होने से कीमतें बढ़ी हैं। परवल 80 रुपये और हरी मिर्च 100 रुपये किलो तक बिक रही है। लोग आलू-प्याज के सहारे भोजन का स्वाद बचाने की कोशिश कर रहे हैं। थोक विक्रेताओं के अनुसार बाहरी मंडियों पर निर्भरता बढ़ने से लागत बढ़ रही है।

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    हरी सब्जियों की कीमत लाल, रसोई का बजट तीखा

    संवाद सूत्र, भैरोगंज। पिछले कुछ हफ्तों से हरी सब्जियों के दामों में बेतहाशा वृद्धि देखी जा रही है, जिससे आम और मध्यमवर्गीय परिवारों की रसोई का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। दैनिक उपयोग में आने वाली बैगन, परवल, भिंडी, कद्दू, तोरई, हरी मिर्च, करेला और लौकी जैसी सब्जियां अब आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रही हैं।

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    स्थानीय सब्जी विक्रेताओं और किसानों का कहना है कि इस वर्ष मानसून कमजोर रहा, जिससे खेतों में सब्जियों की पैदावार काफी कम हो गई। नतीजतन, स्थानीय उत्पादन घट गया और मांग को पूरा करने के लिए सब्जियों की आपूर्ति बाहरी राज्यों या जिलों से की जा रही है। इससे परिवहन और भाड़े की लागत बढ़ी, जिसका सीधा असर खुदरा बाजार पर पड़ा है।

    बाजार में फिलहाल लंबा और मोटा परवल 80 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि बैगन 40 से 60 रुपये, भिंडी 30 से 40 रुपये, तोरई 40 से 60 रुपये और नेनुआ 30 रुपये प्रति किलो के बीच बिक रही है। करेला और लौकी 40 रुपये प्रति किलो के भाव में उपलब्ध हैं। हरी मिर्च की कीमत तो 100 रुपये प्रति किलो से भी ऊपर पहुंच गई है, जो आम रसोई के लिए चिंता का कारण बन गया है।

    हालांकि, आलू और प्याज की कीमतों में अब तक खास बदलाव नहीं हुआ है। इन्हीं दोनों सब्जियों के सहारे लोग अपने भोजन का स्वाद बचाने की कोशिश कर रहे हैं। कई परिवार आलू में थोड़ी-बहुत हरी सब्जी मिलाकर किसी तरह खाना बना रहे हैं।

    थोक विक्रेताओं संतोष साह, लालजी साह, असगर अली और भोला साह ने बताया कि स्थानीय स्तर पर उत्पादन घटने से बाहरी मंडियों पर निर्भरता बढ़ गई है। इससे लागत भी बढ़ी है और दामों में स्थिरता नहीं आ रही है।

    स्थिति ऐसी बनी हुई है कि आम उपभोक्ताओं के लिए संतुलित और पोषक आहार बना पाना कठिन होता जा रहा है। यदि जल्द ही मौसम में सुधार नहीं हुआ और स्थानीय उत्पादन नहीं बढ़ा, तो आने वाले दिनों में सब्जियों की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे रसोई का संकट और गहराने की आशंका है।

    गोभी के बढ़े दाम से उपभोक्ता परेशान, मनमानी कर रहे दुकानदार

    बगहा के बाजार में गोभी की कीमत 180 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। जिससे आम लोग इसे खरीदने से परहेज कर रहे हैं। हरी सब्जियों की लगातार बढ़ती कीमतों ने पहले ही रसोई का बजट बिगाड़ दिया है, अब गोभी जैसी सामान्य सब्जी भी महंगी होकर आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई है।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि दुकानदार मौसम और सप्लाई की कमी का हवाला देकर मनमानी कीमत वसूल रहे हैं। कोई सरकारी निगरानी या जांच न होने के कारण इनपर लगाम नहीं लग रही है। ग्राहक मजबूरी में कम मात्रा में खरीददारी कर रहे हैं या फिर सस्ती सब्जियों की ओर रुख कर रहे हैं।

    स्थानीय प्रशासन अगर जल्द कार्रवाई नहीं करता है तो आने वाले दिनों में सब्जियों की कीमतों में और तेजी आ सकती है, जिससे आम लोगों की परेशानी और बढ़ेगी।