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    West Champaran News: जीएमसीएच में मरीज की मौत पर बवाल, चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ पर हमला

    By MadhusudanEdited By: Ajit kumar
    Updated: Sat, 25 Oct 2025 02:55 PM (IST)

    West Champaran News: पश्चिम चंपारण के जीएमसीएच में मरीज की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया। नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों के साथ मारपीट की गई, जिससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद स्थिति नियंत्रण में आई। चिकित्सकों ने सुरक्षा की मांग करते हुए कार्य बहिष्कार किया, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा का आश्वासन दिया। परिजनों ने चिकित्सा लापरवाही का आरोप लगाया है।

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    हंगामे की वजह से जीएमसीएच में इलाज ठप। जागरण 

    जागरण संवाददाता, बेतिया (पश्चिम चंपारण)। West Champaran News: राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में शनिवार को मरीज की मौत के बाद परिजनों ने भारी बवाल किया।

    देखते ही देखते अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। हमलावरों ने नर्सिंग स्टाफ एवं जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट कर गंभीर दुव्यर्वहार किया। अचानक हुई इस घटना से चिकित्सा सेवाएं कुछ देर के लिए पूरी तरह ठप पड़ गईं।

    वहीं कर्मियों ने भी आत्मरक्षा में हमलावरों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, जिसके बाद आरोपी परिजन शव छोड़कर मौके से फरार हो गए। मिली जानकारी के अनुसार, बानूछापर देवनगर निवासी प्राणंजल कुमार उर्फ बाबू (32) को शुक्रवार की शाम तबीयत बिगड़ने पर परिजन जीएमसीएच लेकर पहुंचे थे।

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    बताया जाता है कि उनकी हालत गंभीर थी, इलाज के दौरान शनिवार अहले सुबह करीब तीन बजे उनकी मौत हो गई। मौत की सूचना मिलते ही परिजन भड़क उठे और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए वार्ड में हंगामा करने लगे।

    इस दौरान नर्सिंग स्टाफ और ड्यूटी पर तैनात जूनियर डॉक्टर से दुव्यर्वहार किया। घटना की सूचना अस्पताल प्रशासन ने तुरंत स्थानीय पुलिस को दी। नगर पुलिस के साथ अर्द्ध सैनिक बल के जवान भी मौके पर पहुंचे और स्थिति नियंत्रित करने में जुट गए। उ

    धर हमले से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होने के बाद अस्पताल के चिकित्सक व कर्मी आक्रोशित हो गए। उन्होंने कार्य बहिष्कार कर दिया। इस बीच करीब चार घंटे तक इमरजेंसी व ओपीडी सेवा पूरी तरह स्थगित हो गई। मरीज और उनके परिजन घंटों परेशान होते रहे।

    करीब चार घंटे तक चिकित्सा सेवाएं बाधित रहीं। इधर नर्सिंग स्टाफ व जूनियर डॉक्टर हंगामे के खिलाफ धरना पर बैठ गए। उनका कहना था कि बढ़ती हमलों की घटनाओं से सुरक्षा का कोई भरोसा नहीं रह गया है। जब तक हमलावरों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वे कार्य पर नहीं लौटेंगे।

    उपद्रव की सूचना पाकर जीएमसीएच अधीक्षक डॉ. सुधा भारती, वरीय प्रशासनिक अधिकारी और नगर थाना की पुलिस टीम स्थिति को शांत कराने में जुट गई। काफी समझाने-बुझाने और सुरक्षा का भरोसा देने के बाद चिकित्सक और स्टाफ को कर्तव्य पर लौट आए।

    इसके बाद इमरजेंसी और ओपीडी सेवा पुनः शुरू हो सकी। इधर, पुलिस के नियंत्रण में आने के बाद परिजनों ने शव ले लिया और घर रवाना हो गए। हालांकि, मृतक के परिजन अब भी चिकित्सा लापरवाही के आरोपों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

    वहीं अस्पताल प्रबंधन का स्पष्ट कहना है कि मरीज को पूरी गंभीरता और प्राथमिकता के साथ उपचार दिया गया था, पर स्थिति अत्यधिक गंभीर थी। घटना के बाद से अस्पताल परिसर में पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है।

    जीएमसीएच अधीक्षक डॉ. सुधा भारती ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने का आश्वासन दिया है। साथ ही चिकित्सकों ने भी प्रशासन से मांग की है कि अस्पताल में काम कर रहे डॉक्टर और स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है, तभी वे निश्चिंत होकर मरीजों का इलाज कर सकेंगे।