Railway News: एक तरफ भीड़...ऊपर से भीषण गर्मी, AC बोगी तक पहुंचने के लिए यात्री बहा रहे पसीना
भीषण गर्मी में ट्रेनों में यात्रियों की भारी भीड़ से यात्रा मुश्किल हो गई है। आरक्षित सीट वाले यात्री भी अपनी जगह तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सत्याग्रह एक्सप्रेस में स्लीपर कोच की हालत खराब है और एसी कोच में भी भीड़ है। यात्रियों को शौचालय में बैठने तक की विवशता हो रही है। वेटिंग टिकट प्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।

संवाद सूत्र, बगहा। भीषण गर्मी में रेल यात्रा करना मुश्किल हो गया है। आरक्षित सीट वाले यात्रियों को अपनी एसी सीट तक पहुंचने में काफी मशक्कत व पसीना बहाना पड़ रहा है। इसको लेकर यात्रियों में व्यवस्था को लेकर काफी आक्रोश है।
बगहा-गोरखपुर रेलखंड पर रक्सौल से चलकर बगहा व गोरखपुर के रास्ते आनंद विहार जाने वाली सत्याग्रह में स्लीपर के आरक्षित यात्री अपनी जगह तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
आगे से पीछे तक यात्रियों की भीड़ से खचाखच भरी गाड़ी में कई ऐसे भी यात्री मिले जो स्टेशन पर चढ़ने में कामयाब नहीं हो पाने की स्थिति में एसी कोच के रास्ते जगह तक पहुंचना मुनासिब समझ एसी में घुस गए।
अंदर जाने पर पता चला कि नरकटियागंज से दर्जनों यात्री ऐसे हैं जो चढ़ने को तो एसी में चढ़ गए, लेकिन अंदर के रास्तों में इतनी भीड़ कि अपनी जगह तक कैसे पहुंचे।
रोजाना लंबी दूरी की गाड़ियों में ऐसा नजारा देखा जा सकता है। बुधवार को एक महिला यात्री को नरकटियागंज से अपने दो छोटे बच्चों व सामान के साथ एसी कोच के सहारे गाड़ी में चढ़ गई, लेकिन भीड़ इतनी थी कि वह पनियहवा तक अपने आरक्षित जगह तक नहीं पहुंच सकी।
शौचालय के बाहर बैठ कर यात्रा की विवशता
मंगलवार को इन बोगियों की हालत बद से बदतर देखने को मिली। जहां शौचालय में दो से तीन महिला यात्री या दो से तीन पुरुष यात्री बैठे पाए गए। आने- जाने के रास्ते से लेकर शौचालय के दरवाजे तक में दर्जनों की संख्या में लोग नीचे बैठे पाए गए।
पड़ताल की टीम भारी मशक्कत के बाद स्लीपर व एसी को जोड़ने वाली जगह पर पहुंची जहां देखा कि बर्थ, दरवाजा, ग्राउंड फ्लोर व शौचालय में कोई अंतर नहीं सब के सब एक समान।
टीम को देखकर ड्यूटी में तैनात टीटीई अपना नाम का प्लेट छुपाते हुए आगे निकल गए, लेकिन उनके पीछे लगे यात्री सीट या बर्थ की मनुहार करते हुए उनके पीछे जाते दिखे।
वेटिंग टिकट जारी, व्यवस्था पर सवाल
नरकटियागंज - गोरखपुर रेलखंड में बगहा के रास्ते आने व जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों की दुर्दशा व एसी, स्लीपर व सामान्य बोगी में कोई परिवर्तन नहीं पाते हुए यात्री सह बगहा दो के दंत चिकित्सक डॉ. अतुल कुमार सिंह ने रेलवे की व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए वेटिंग टिकट जारी करने की व्यवस्था पर सवाल उठाया।
व्यवसायी अजय पांडेय ने वेटिंग टिकट प्रणाली का विरोध करते हुए रेलवे की लापरवाही को लेकर मंत्रालय से पत्राचार करने की बात कही।
शिक्षक मृणाली राय ने कहा कि चार माह पहले अतिरिक्त पैसा देकर एसी का टिकट बुक कराया था। हालत यह है कि ना तो बर्थ की सुविधा उपलब्ध हो रही और न ही एसी का ही लाभ मिल रहा है।
यात्रा के दौरान किसी यात्री को शौचालय जाना पड़े तो वह कहां जाएगा । पड़ताल टीम खड्डा उतरकर वहां से 19038 बांद्रा (अवध एक्सप्रेस) में चढ़ने का प्रयास किया।
उसमें भी स्लीपर कोच की हालत वैसी ही दिखी जैसी सत्याग्रह की थी। खड्डा स्टेशन पर भी स्लीपर के यात्रियों अपनी जगह तक पहुंचने के लिए परेशानी उठानी पड़ी। यही स्थिति 12557 सप्त क्रांति सुपरफास्ट में भी देखने को मिली।
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