Bihar Teacher News: शिक्षा विभाग के एक लेटर ने शिक्षकों की बढ़ा दी टेंशन, अब शुरू होगी असली परीक्षा
पश्चिम चंपारण के सरकारी स्कूलों में अब टैबलेट से निगरानी होगी। राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। हर स्कूल को टैबलेट मिलेगा जिससे उपस्थिति और पढ़ाई का विवरण डिजिटल रूप से दर्ज होगा। शिक्षकों को टैबलेट के संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने पर इसकी असली परीक्षा होगी। इससे शिक्षा विभाग को निगरानी में मदद मिलेगी।
संवाद सहयोगी, बेतिया। जिन शिक्षकों ने अब तक विद्यालय से अधिक समय प्रखंड और जिला मुख्यालयों में बिताया, अब उनकी असली परीक्षा शुरू होने वाली है। राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक के पत्र ने जिले के सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों की चिंता बढ़ा दी है।
अब हर सरकारी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय को टैबलेट दिया जाएगा, और उसका पूरा उपयोग, देखभाल, संधारण, उपस्थिति व पढ़ाई का विवरण डिजिटल रूप से दर्ज किया जाएगा।
अब तक कई विद्यालयों में बच्चों की संख्या मानक से काफी कम है। पढ़ाई का माहौल नदारद है और शिक्षक अन्य गतिविधियों में व्यस्त रहे हैं, लेकिन अब टैबलेट से सजी यह व्यवस्था हर स्कूल की सच्चाई उजागर कर देगी।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अब कोई बहाना नहीं चलेगा, क्योंकि टैबलेट से सीधे विभागीय निगरानी शुरू हो जाएगी। इसको लेकर इस संबंध में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक मयंक वरवड़े ने जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा को निर्देश जारी किया है।
हर स्कूल को मिलेगा टैबलेट, जिले से लेकर प्रखंड तक होगी निगरानी
राज्य परियोजना परिषद के निर्देशक मयंक वारवाडे के निर्देशानुसार, तीन निजी कंपनियां टैबलेट की आपूर्ति करेंगी। टैबलेट का वितरण उसकी पहचान संख्या (आईएमईआई नंबर) सहित होगा और हर स्कूल को उसकी संख्या के अनुसार 2 या 3 टैबलेट दिए जाएंगे।
टैबलेट के साथ वितरण रसीद, उपयोग की पुष्टि और फोटो प्रमाण अनिवार्य किया गया है। हर विद्यालय के एक प्रधानाध्यापक और एक शिक्षक को टैबलेट संचालन व विवरण संधारण का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे न सिर्फ पढ़ाई की निगरानी होगी, बल्कि शिक्षा विभाग यह भी देख पाएगा कि कौन विद्यालय ईमानदारी से पढ़ा रहा है और कौन सिर्फ औपचारिकता निभा रहा है।
प्रत्येक प्राथमिक और मध्य विद्यालय को दो-दो टैबलेट, जबकि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर 3 अथवा 2 टैबलेट दिए जाएंगे। प्रखंडवार विद्यालयों की संख्या के आधार पर बीआरसी में टैबलेट उपलब्ध कराया जाएगा।
यहां प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की उपस्थिति में सभी विद्यालय के प्रधान और एक शिक्षक को बुलाया जाएगा। यहां टैबलेट आपूर्ति के लिए चयनित एजेंसी द्वारा इसके उपयोग के विषय में स्कूल के प्रधानाध्यापक या प्रधान शिक्षक और एक शिक्षक को जानकारी देते हुए टैबलेट को फंक्शनल कराते हुए प्रशिक्षित किया जाएगा।
गर्मी की छुट्टी के बाद खुलेंगे स्कूल, फिर टैबलेट की असली परीक्षा
फिलहाल गर्मी की छुट्टियों के कारण विद्यालय बंद है और शिक्षक टैब वितरण की औपचारिकता पूरी करने के साथ स्कूल खुलने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन जब स्कूल खुलेंगे, तब टैबलेट की उपयोगिता और इससे जुड़ी असल चुनौतियां सामने आएंगी। एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया- स्कूल में न नियमित बिजली की आपूर्ति है, न इंटरनेट, ऊपर से टैबलेट आएगा... अब देखिए कैसे काम होगा, लेकिन जुगाड़ तो करना ही होगा।
टैबलेट से होगी सभी कार्यों की प्रतिदिन निगरानी
शिक्षकों का कहना है कि टैबलेट का उपयोग तो जरूरी है, लेकिन जिन स्कूलों में न बिजली है, न इंटरनेट, वहां इसे चलाना बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रखंड संसाधन केंद्र के अनुदान से इंटरनेट व तकनीकी व्यवस्थाओं के लिए खर्च किया जा सकेगा। टैबलेट का उपयोग केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं रहेगा।
इससे छात्र उपस्थिति, पाठ्यक्रम की प्रगति, परीक्षा परिणाम, मध्याह्न भोजन निगरानी और विभागीय निरीक्षण जैसे कार्य भी किए जाएंगे। जिला शिक्षा कार्यालय को राज्य परियोजना कार्यालय के साथ प्रतिदिन का विवरण साझा करना होगा।
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