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    बेतिया नगर निगम में डीजल चोरी का पुराना मामला गरमाया, सांसद और महापौर में आरोप-प्रत्यारोप

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 02:45 PM (IST)

    सांसद संजय जायसवाल ने महापौर गरिमा सिकारिया पर डीजल चोरी में शामिल होने का आरोप लगाया है जिसके बाद महापौर ने पलटवार करते हुए आरोपों को निराधार बताया है। सांसद ने मामले की जांच की मांग की है जबकि महापौर ने मानहानि का मुकदमा करने की चेतावनी दी है। महापौर ने तेल चोरी रोकने के लिए किए गए प्रयासों का भी उल्लेख किया।

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    निगम में डीजल चोरी का पुराना मामला गरमाया, सांसद और महापौर में आरोप-प्रत्यारोप

    जागरण संवाददाता, बेतिया। सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने प्रशांत किशोर के द्वारा बीते दिनों डीजल चोरी के मामले में नगर निगम की महापौर गरिमा सिकारिया के पत्र का हवाला देने पर सांसद ने निगम में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। कहा है कि महापौर ने जिस डीजल चोरी की चर्चा प्रशांत किशोर से की हैं, उसमें उनकी भी संलिप्तता है।

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    19 सितंबर को लिखित दिया था कि डीजल के भ्रष्टाचार के जो भी कागज हैं, वह सब नगर निगम की विशेष बैठक में रखे जाएं। इसके बावजूद 20 सितंबर को निगम की बैठक के एजेंडा में डीजल चोरी के जांच को नहीं शामिल किया गया।

    उन्होंने कहा है कि मुझे यह पता चला है कि डीजल भरने के बाद सभी गाड़ियां बियाडा में वार्ड पार्षद रोहित सिकारिया (मेयर के पति) के गोदाम पर जाती थीं और वहां से तेल निकालकर बेचा जाता था। फिर गाड़ियों को वापस पार्किंग स्थल पर लौटा दिया जाता था।

    आरोप लगाया है कि महापौर के पास डीजल चोरी, जिसके सारे सबूत सशक्त समिति के पास उपलब्ध हैं, को सार्वजनिक नहीं करना चाहती हैं। सांसद ने कहा है कि निगम के दो स्टाफ जुलुम साह और तबरेज आलम डीजल का कूपन काटते थे। महीनों पहले इनको हटाने की अनुशंसा के बावजूद भी वे नगर निगम में रहकर अपना काला कारोबार चला रहे हैं।

    डॉ. जायसवाल ने कहा हैं कि यह पूरा घोटाला सशक्त समिति के द्वारा किया हुआ है। सांसद ने विभागीय मंत्री से मिलकर इसकी जांच कराने की बात कही है।

    सांसद के आरोप पर महापौर ने किया पलटवार

    महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने कहा है कि सांसद ने फेसबुक पोस्ट में नगर निगम के कथित डीजल घोटाले का सूत्रधार महापौर गरिमा देवी सिकारिया और उनके नगर पार्षद पति रोहित कुमार सिकारिया को ठहराए जाने वाले आरोप को बेबुनियाद बताया है। चरित्र हनन वाला स्तरहीन, निराधार और अनर्गल आरोप तत्काल वापस नहीं लेने पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने की बात कही है।

    कहा है कि सांसद से उनका पद, कद, आयु और राजनीतिक अनुभव भी बहुत छोटा है। प्रशांत किशोर ने मेरे द्वारा तत्कालीन नगर आयुक्त शंभू कुमार लिखे गए जिस पत्र का उल्लेख किया है कि वह बैठकों में लगातार पांच बार लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा के बाद नगर निगम बोर्ड ने उक्त पेट्रोल पंप को संदिग्ध पाकर तत्काल प्रभाव से उसको बदलने का प्रस्ताव पारित किया था।

    तत्कालीन नगर आयुक्त ने आदेश के अनुपालन की अवमानना की थी। निगम की मंशा डीजल आपूर्ति में जारी लाखों के घोटाले को रोकना ही था। विभाग के संयुक्त सचिव एवं प्रधान सचिव को भी तेल चोरी के बारे में लिखित शिकायत की थी। पेट्रोल पंप बदलने के सशक्त एवं बोर्ड के लगातार निर्णय देने के बावजूद भी तत्कालीन नगर आयुक्त के पेट्रोल पंप नहीं बदलने के कारण 15 अगस्त 2024 से पेट्रोल पंप के भुगतान पर पूर्णतः रोक लगा दी गई थी।