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    मनरेगा में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम, दोपहर में भी अपलोड होगी मजदूरों की फोटो

    Updated: Tue, 22 Jul 2025 04:31 PM (IST)

    मनरेगा के तहत मजदूरों के फोटो अपलोड में हो रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए अब दो पहर में भी फोटो अपलोड करने का नियम बनाया गया है। ऐसा न करने पर मजदूरों को मजदूरी मिलना मुश्किल होगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एनएमएमएस निगरानी प्रकोष्ठों का गठन किया है जो फोटो की जांच करेंगे। सरकार ने दुरुपयोग को गंभीरता से लेने और जांच रिपोर्ट साझा करने का आदेश दिया है।

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    मनरेगा में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, बेतिया। मनरेगा में मजदूरों एवं फाेटो लोड करने में हो रहे फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब दो पहर में भी नियमित रूप से फोटो अपलोड किया जाएगा। इस योजना में एनएमएमएस एप में सुबह के सत्र के साथ-साथ दो पहर की फोटो दर्ज करने का प्राविधान है। सुबह और दाेपहर दोनों सत्रों की तस्वीरें एनएमएमएस एप के माध्यम से दैनिक आधार पर अपलोड नहीं करने की स्थिति में मजदूरों की मजदूरी तैयार करना संभव नहीं होगा।

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    इसे लेकर सभी संबंधित पदाधिकारियों और कर्मियों को दोनों सत्रों की फोटो अपलोड कराने का निर्देश दिया गया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर राज्य स्तर से निर्णय लिया गया है कि मौजूदा कर्मचारियों के साथ जिला एवं प्रखंड स्तर पर एनएमएमएस निगरानी प्रकोष्ठों गठन किया जाएगा, जो एनएमएमएस के माध्यम से अपलोड किए गए फोटो की दैनिक जांच, फोटो सत्यापन और विसंगतियों की रिपोर्टिंग के लिए जिम्मेवार होंगे।

    सरकार के द्वारा एनएमएमएस के दुरूपयाेग से संबंधित मामलों को अत्यंत गंभीरता से लेने का निर्देश दिया गया है। वहीं अपलोड किए गए फोटो से संबंधित जांच प्रतिवेदन प्रतिदिन राज्य के साथ साझा करना अनिवार्य कर दिया गया है।

    तीन स्तरों पर होगी निगरानी

    पंचायत स्तर पर अधिकारियों द्वारा अपलोड की गई सभी तस्वीरों व उपस्थिति का शतप्रति का शत प्रतिशत सत्यापन किया जाएगा। प्रखंड स्तर पर कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड स्तरीय स्थाई कर्मी व प्रखंड स्तरीय संविदा दो सौ तस्वीरों या अपलोड की गई फोटो के 20 प्रतिशत, जो भी कम हो, की रेंडम जांच करेंगे।

    जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा 30 फोटो की जांच की जानी है। स्थाई कर्मी 100 तस्वीरों या अपलोड की गई तस्वीरों का 10 प्रतिशत एवं जिला स्तरीय संविदा कर्मी 200 तस्वीरों या अपलोड की गई तस्वीरों के 10 प्रतिशत हिस्से में से जो भी कम हो, उसकी दिन में जांच करने की बात बताई गई है।

    फर्जी फोटो अपलोड करने को सामने आ चुके हैं कई मामले

    इस तरह का मामला चनपटिया प्रखंड से जुड़ा हुआ है। विद्यालय में मिट्टी भराई कार्य में जहां कार्य मिश्रौली प्राथमिक विद्यालय में हुआ है, तो तस्वीर एनएमएमएस एप पर उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिसवनिया की फोटो अपलोड की गई है।