West Champaran News: महिलाओं-युवतियों की तस्वीर खींचने का आरोप लगा वन कार्यालय घेरा, प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
गौनाहा के मंगुराहा गांव में ग्रामीणों ने वन विभाग के कार्यालय का घेराव किया। ग्रामीणों का आरोप है कि वनकर्मी गांव में घुसकर महिलाओं की तस्वीरें खींच रहे थे जिससे उनमें आक्रोश है। पुलिस और स्थानीय नेताओं के समझाने पर ग्रामीण शांत हुए। वन विभाग ने आरोपों को गलत बताया और कहा कि वे जागरूकता अभियान चला रहे थे।

संवाद सूत्र, गौनाहा (पश्चिम चंपारण)। गांव में घुसकर महिलाओं और युवतियों की फोटो खींचने का आरोप लगाकर शुक्रवार की दोपहर बाद ग्रामीणों ने मंगुराहा वन कार्यालय को घेर लिया। करीब दो घंटे तक वन कार्यालय के बाहर हंगामा किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
पुलिस और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के समझाने पर करीब दो घंटे बाद ग्रामीण माने और वापस घर लौट गए। दरअसल, हुआ यह कि शुक्रवार की सुबह दस बजे के आसपास वन कर्मियों की टीम मंगुराहा गांव में गई और जागरूकता अभियान के साथ साथ वनकर्मी फोटोग्राफी करने लगे।
इस दौरान कई महिलाएं स्नान कर रही थीं तो युवतियां गृह कार्य में लगी थीं। टीम जब वापस लौटी तो ग्रामीणों का गुस्सा भड़का। अपराह्न चार बजे के आसपास सैकड़ों की संख्या में पुरुष- महिलाएं और बच्चे वन कार्यालय पहुंच गए।
ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले कई दिनों से वनकर्मियों की टीम गांव में जा रही है और घरों में घुसकर महिलाओं और बेटियों की तस्वीरें खींच रही हैं। फारेस्टर अभिषेक कुमार सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि इनकी पदस्थापना के बाद से गांव की महिलाओं व लड़कियों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है।
वन कर्मियों की ओर से ग्रामीणों के साथ गाली गलौज भी की जाती है। ग्रामीण नागेंद्र मौर्य, सुनीता देवी, मेरा देवी, कुंती देवी, सुनील ठाकुर, राजन कुमार और अखिलेश कुमार ने बताया कि वन विभाग की ओर से लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है।
जबकि रेंजर मुमताज अहमद का कहना है कि ग्रामीणों का आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने बताया कि सुबह कुछ लोग जंगल से बालू और लकड़ी ला रहे थे, जिन्हें वनकर्मियों ने रोका। इसी बात को आधार बनाकर मामले को गलत दिशा में मोड़ने की कोशिश की जा रही है। गांव में वनकर्मियों की टीम जंगल और जानवरों की सुरक्षा को लेकर गांव में जागरुकता अभियान चलाने के लिए गए थे।
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