Bihar News: धराली हादसे में बहे पिता और भाइयों को ढूंढते-ढूंढते टूट गई आस, पुतला बनाकर किया अंतिम संस्कार
उत्तराखंड के धराली में बादल फटने से लापता देवराज शर्मा और उनके दो बेटों का पांचवें दिन परिजनों ने पुतला बनाकर अंतिम संस्कार किया। खोज में निराशा के बाद पीड़ित परिवार के एक सदस्य अर्जुन ने बताया कि रेस्क्यू अभियान बंद कर दिया गया है और सैकड़ों लोग लापता हैं। ग्रामीणों ने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार पुतला दहन किया।

संवाद सूत्र, मैनाटांड़। उत्तराखंड के धराली में बादल फटने के बाद लापता पुरुषोत्तमपुर गांव के देवराज शर्मा और उनके दो पुत्र अनिल कुमार व सुशील शर्मा का पांचवे दिन परिजनों ने पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया। उनके इंतजार और धैर्य का बांध टूट गया था। पुतला ही सही, जब एक साथ तीनों की अर्थी उठी तो गांव में कोहराम मच गया।
देवराज शर्मा के पुत्र अर्जुन कुमार धराली में पिता और दोनों भाईयों को खोजने के लिए गया था। दो दिनों तक इधर-उधर भटकने के बाद वह वापस लौट आया है। उसने बताया कि वहां सैकड़ों लोग लापता हैं। सभी के स्वजन इधर- उधर भटक रहे हैं। पुलिस- प्रशासन की ओर से अब रेस्क्यू अभियान भी बंद कर दिया गया है।
अर्जुन ने बताया कि जो लोग धराली में बच गए हैं, उन्होंने इस दर्दनाक घटना की जानकारी दी है। जैसे ही बादल फटने की घटना हुई, तेज पानी और मलबा पूरे इलाके को बहा ले गया। देखते हीं देखते मकान पानी में बह गया। जिस मकान में ये लोग रहते थे, उसमें अन्य मजदूर भी किराया लेकर रहते थे। किसी का पता नहीं चल रहा है।
अर्जुन ने धराली से वापसी के दौरान हर्सिल और उत्तरकाशी में स्थानीय लोगों और प्रशासनिक अधिकारियों को अपने पिता और दोनों भाईयों की तस्वीर दी है। उसने बताया कि जिस नदी में मकान बहा था, उसमें करीब दस फिट के आसपास मलवा भर गया है, इस वजह से दबे हुए लोगों को खोज पाना भी नामुमकिन है।
उधर, ग्रामीणों और रिश्तेदारों के सुझाव पर हिंदू धर्म के मुताबिक तीनों का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार शनिवार को किया गया। जिसमें पूरा गांव उमड़ पड़ा।
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