Bihar Bhumi: सरकारी जमीन का म्यूटेशन करना चाहता थे जीजा-साली, CO मैडम ने पकड़ ली चालाकी
सिकटा में दाखिल-खारिज के मामले में रिश्वत देने की कोशिश में पूर्व वार्ड सदस्य सिकंदर अहमद को गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि जिस जमीन के लिए दाखिल खारिज का प्रयास किया गया उसमें लगभग 60 डिसमिल जमीन बिहार सरकार की है। अंचलाधिकारी ने बताया कि राजस्व कर्मचारी की रिपोर्ट के अनुसार कुछ जमीन रैयती है जबकि कुछ बिहार सरकार की है जिसके कारण मामला लटका हुआ है।
संवाद सूत्र, सिकटा। दाखिल खारिज (Bihar Land Mutation) के लिए सीओ को रिश्वत देने के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार पूर्व वार्ड सदस्य बर्दही निवासी सिकंदर अहमद को शुक्रवार की सुबह न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
हालांकि, जिस भूमि का दाखिल खारिज कराने के लिए वह अपनी साली के साथ सीओ के कार्यालय कक्ष में पहुंचा था, उस भूमि की जमाबंदी जांच में संदिग्ध मिली है।
दाखिल खारिज के लिए दिए गए केवाला में करीब साठ डिस्मिल जमीन बिहार सरकार की है। इस वजह से यह मामला करीब एक साल से लटका हुआ है।
अंचलाधिकारी प्रिया आर्याणी ने बताया कि खाता-18, खेसरा - 866, रकबा - 57.46 डिस्मिल जमीन रैयती है। वहीं, खाता - 6, खेसरा - 865 व 823, रकबा करीब 60 डिस्मिल भूमि बिहार सरकार की है। राजस्व कर्मचारी जयप्रकाश राम के रिपोर्ट में इसका जिक्र है।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की जमीन का दाखिल खारिज नहीं होता है, जबकि इसकी भी जमाबंदी अवैध रूप से पहले ही दर्ज की जा चुकी है, जो अवैध है। इसी को लेकर यह मामला काफी दिनों से लटका हुआ है।
इस पर सुनवाई के लिए 26 मई की तिथि निर्धारित की गई थी, परन्तु उस दिन विभागीय कार्य से सीओ बाहर थी, इस वजह से सुनवाई नही हो सकी।
सीओ ने कहा कि फिर से जांच प्रतिवेदन की मांग हल्का कर्मचारी से की गई है। नियमानुसार रैयती जमीन का दाखिल खारिज होगा। वहीं बिहार सरकार की भूमि को लेकर वरीय पदाधिकारी को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
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