West Champaran News: बगहा चीनी मिल ने बनाई अपनी अलग पहचान, एप से घर बैठे मिल रही सारी जानकारी
तिरुपति चीनी मिल प्रबंधन ने किसानों के लिए जो सुविधाएं उपलब्ध कराई है उससे किसानों में खुशी की लहर है। अपनी सुविधाओं में सुधार करने के बाद तिरुपति चीनी मिल बिहार और उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में भी अपनी एक अलग पहचान कायम कर रही है। भुगतान की आसान प्रक्रिया को देख यूपी के किसान भी इस मिल को गन्ना आपूर्ति करने को बेताब हैं।

संवाद सहयोगी, बगहा (पश्चिमी चंपारण)। पश्चिमी चंपारण के बगहा में स्थित तिरुपति चीनी मिल प्रबंधन ने किसानों के लिए जो सुविधाएं उपलब्ध कराई है, किसान उससे गदगद हैं।
अपनी सुविधाओं में सुधार करने के बाद तिरुपति चीनी मिल बिहार और उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में भी अपनी एक अलग पहचान कायम कर रही है।
घर बैठे मिल रही जानकारी
किसानों की सुविधा का ध्यान रखते हुए तिरुपति चीनी मिल प्रबंधन एप के माध्यम से किसानों को सभी जानकारियों से रूबरू करा रही है। किसानों को एप के माध्यम से घर बैठे जानकारी मिल जा रही है।
किसानों का भुगतान पहली प्राथमिकता
तिरुपति चीनी मिल भुगतान प्रभारी डीएन सिंह बताते है कि बीते तीन नवंबर से शुरू हुई पेराई सत्र के दौरान अभी तक, यानी 24 नवंबर तक आपूर्ति की राशि गन्ना किसानों के खाते चली गई है।
इधर, पीएनबी के शाखा प्रबंधक सुभाष यादव ने कहा कि किसानों के खाते में जल्द से जल्द भुगतान किया जाए, यह पहली प्राथमिकता के आधार पर ससमय भेजा गया है। भुगतान के लिए बैंक में विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि कोई विलंब नहीं हो।
किसानों में खुशी की लहर
तिरुपति चीनी मिल की ओर से किसानों को महज तीन दिन के अंदर ही गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया जा रहा है। समय पर भुगतान होने से किसानों में खुशी की लहर है।
तिरुपति चीनी मिल के मुताबिक, किसानों को अब तक करीब 30 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। भुगतान की ऐसी प्रक्रिया को देखकर उत्तर प्रदेश के किसान भी इस मिल को गन्ना आपूर्ति करने को बेताब हैं। हालांकि भुगतान अभी पुरानी दर पर ही किया जा रहा है।
पेराई क्षमता को बढ़ाया गया
पूर्व में चीनी मिल की गन्ना पेराई की क्षमता आठ हजार क्विंटल प्रतिदिन था। इस क्षमता को काफी बढ़ा दिया गया है। इस समय मिल की गन्ना पेराई क्षमता 90 हजार क्विंटल की हो गई है।
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