West Champaran: पूर्वजों के नाम भूमि होने पर इस योजना के अनुदान से वंचित होंगे किसान, जानिए पूरी डिटेल
मझौलिया चीनी मिल में कृषि यांत्रिकरण योजना की समीक्षा बैठक हुई। 767 में से 187 आवेदन भूमि दस्तावेज की कमी के कारण अस्वीकृत किए गए। किसानों को भूमि दस्तावेज अद्यतन कराने की सलाह दी गई ताकि उन्हें अनुदान लेने में परेशानी न हो। जीएम केन ने कृषि यंत्रों पर मिलने वाले अनुदान की जानकारी दी।

संवाद सूत्र, मझौलिया। स्थानीय चीनी मिल के सभागार में मुख्यमंत्री कृषि यांत्रिकरण योजना की समीक्षात्मक बैठक की अध्यक्षता जीएम केन शैलेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने की, जबकि गन्ना उद्योग विभाग की विशेष कार्य पदाधिकारी प्रीति सिन्हा और सहायक ईंखायुक्त रेमन्त झा उपस्थित रहे।
बैठक में विशेष कार्य पदाधिकारी प्रीति सिन्हा ने किसानों द्वारा कृषि यंत्रों के लिए दिए गए आवेदनों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि अब तक योजना के तहत कुल 767 किसानों ने आवेदन किया है, जिनमें से 187 आवेदन जमीन से संबंधित दस्तावेज जैसे मालगुजारी रसीद या खतियान उपलब्ध न होने के कारण अस्वीकृत कर दिए गए हैं।
विभाग से मार्गदर्शन मिलने के बाद इन आवेदनों पर पुनर्विचार किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों के आवेदन का सत्यापन कार्य प्रगति पर है। बैठक में यह भी सामने आया कि कई किसानों की भूमि अभी भी उनके पूर्वजों के नाम पर दर्ज है, जिससे उन्हें अनुदान लेने में परेशानी हो रही है।
इस समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों ने किसानों को भूमि दस्तावेज अद्यतन कराने की सलाह दी। जीएम केन श्री त्रिपाठी ने किसानों को कृषि यंत्रों पर मिलने वाले 50 प्रतिशत अनुदान, अनुशंसित प्रभेदों तथा ऊंची व निचली भूमि पर बीज चयन की विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर चीफ केन मैनेजर अखिलेश कुमार सिंह, कृषि वैज्ञानिक डॉ. सतीश कुमार एवं डॉ. नीरज कुमार ने किसानों की विभिन्न समस्याओं का समाधान मौके पर किया।कार्यक्रम का संचालन वरीय केन मैनेजर संजय कुमार मिश्रा ने किया।
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