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    Train Ticket: आधार वेरिफिकेशन से टिकट दलालों की मनमानी पर लगेगी रोक, इस तारीख से लागू होगा नया सिस्टम

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Wed, 02 Jul 2025 04:53 PM (IST)

    भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग को सुरक्षित बनाने के लिए आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है। 15 जुलाई से ओटीपी सत्यापन भी लागू होगा जिससे फर्जी बुकिंग रुकेगी। एजेंटों पर भी तत्काल टिकट बुकिंग के लिए 30 मिनट की पाबंदी लगाई गई है। यात्रियों से आईआरसीटीसी प्रोफाइल को आधार से लिंक करने की अपील की गई है जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और दलाली पर लगाम लगेगी।

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    आधार वेरिफिकेशन से टिकट दलालों की मनमानी पर लगेगी रोक

    संवाद सूत्र, बगहा। भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए अहम कदम उठाए हैं। नए नियम के मुताबिक, एक जुलाई से तत्काल टिकट बुक करने के लिए आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। रेलवे का कहना है कि इससे टिकट उन्हीं यात्रियों को मिलेगा, जो वास्तव में यात्रा करना चाहते हैं।

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    15 जुलाई से लागू होगा ओटीपी सत्यापन

    15 जुलाई से आनलाइन माध्यम के साथ-साथ पीआरएस काउंटर और अधिकृत एजेंटों के जरिए भी तत्काल टिकट बुकिंग के दौरान ओटीपी सत्यापन जरूरी होगा। यात्री के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा और इसे दर्ज करने के बाद ही टिकट की बुकिंग पूरी मानी जाएगी। इससे फर्जी बुकिंग और दलालों की मनमानी पर रोक लगेगी।

    एजेंटों के लिए भी नई पाबंदी

    रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब एजेंट तत्काल टिकट विंडो खुलने के बाद पहले 30 मिनट तक टिकट बुक नहीं कर सकेंगे। यह पाबंदी एसी श्रेणी के लिए सुबह 10 बजे से 10:30 बजे तक और नॉन-एसी श्रेणी के लिए 11 बजे से 11:30 बजे तक लागू रहेगी। इस दौरान टिकट सिर्फ आम यात्रियों को मिलेगा। रेलवे का मानना है कि इससे एजेंटों के दबाव में आकर टिकट बुक कराने की मजबूरी से यात्रियों को राहत मिलेगी।

    प्रोफाइल को आधार से लिंक

    रेलवे ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे अपने आईआरसीटीसी प्रोफाइल को आधार नंबर से लिंक कर लें। इससे टिकट बुकिंग के समय तकनीकी या वैधता से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सकेगा।

    रेलवे मंत्रालय ने सीआरआइएस और आइआरसीटीसी के सिस्टम में जरूरी तकनीकी बदलाव भी कर दिए हैं, ताकि नया सिस्टम बिना किसी रुकावट के लागू हो सके।

    क्या बोले यात्री?

    रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को देखते हुए यह बदलाव किया है। ओटीपी और आधार वेरिफिकेशन से टिकट प्रणाली पारदर्शी होगी और दलालों की मनमानी पर लगाम लगेगी। तकनीकी स्तर पर सारी तैयारी पूरी कर ली गई है, ताकि किसी यात्री को असुविधा न हो। - सुधीर पांडेय, रेल यात्री

    तुरंत टिकट की ज़रूरत कई बार अचानक पड़ती है, तब एजेंट के पास जाना ही पड़ता था और ज़्यादा पैसे देने पड़ते थे। अब सीधा टिकट मिलने की उम्मीद बढ़ी है। आधार लिंक करना थोड़ा मुश्किल लगता है, लेकिन अगर इससे टिकट मिलना आसान होगा, तो ठीक है। - चंदन यादव, रेल यात्री

    अक्सर परीक्षा या इंटरव्यू के लिए तत्काल टिकट की ज़रूरत होती है, लेकिन एजेंट पहले से ही सारे टिकट बुक कर लेते थे। नए नियम से हमें भी टिकट मिलने की उम्मीद बढ़ी है। हाँ, किराया थोड़ा बढ़ा है, लेकिन सुविधा के लिए यह भी मंजूर है। - अनूप मिश्रा, रेल यात्री

    तत्काल टिकट बुक करना अब पहले जैसा आसान नहीं रहा। आधार वेरीफिकेशन और ओटीपी के नए नियम से थोड़ी परेशानी होती है, पर सही यात्रियों को टिकट मिलने की उम्मीद बढ़ी है। पहले दलाल मिनटों में टिकट निकाल लेते थे, अब असली यात्रियों को ज़्यादा मौका मिलेगा। किराया ज़रूर बढ़ा है, जिससे आम आदमी पर बोझ पड़ता है, लेकिन अगर व्यवस्था पारदर्शी बनती है तो यह कदम सही भी लगता है। - रविरंजन दुबे, रेल यात्री