पश्चिम चंपारण के GMCH में मरीजों की लाइन लंबी, चिकित्सकों की कमी बनी चुनौती
पश्चिम चंपारण जिले में चुनावी व्यस्तता खत्म होने के बाद भी स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाई हैं। डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के कारण सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। जीएमसीएच में ओपीडी पर दबाव 40% तक बढ़ गया है, जिससे मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग से अतिरिक्त डॉक्टरों की मांग की है। दवा काउंटर पर भी मरीजों की लंबी लाइनें लग रही हैं।

ओपीडी के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लगी लंबी कतार । जागरण
जागरण संवाददाता, बेतिया । चुनावी व्यस्तता समाप्त होने के साथ ही जिले की स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य पटरी पर लौटने लगी हैं, लेकिन डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी ने सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था पर बड़ा असर डाला है।
परिणामस्वरूप गवर्नमेंट मेडिकल कालेज अस्पताल (जीएमसीएच) गवर्नमेंट मेडिकल कालेज अस्पताल में ओपीडी का दबाव पिछले तीन महीनों की तुलना में करीब 40 प्रतिशत बढ़ गया है। बढ़ती भीड़ के बीच मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि डाक्टरों की सीमित उपलब्धता के कारण उपचार की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।
अक्टूबर में जहां जीएमसीएच के ओपीडी में औसतन 900 से 1,000 मरीज प्रतिदिन आते थे, वहीं नवंबर के तीसरे सप्ताह में यह संख्या बढ़कर 1,400 से ऊपर पहुंच गई है। इसी तरह अस्पताल में अक्टूबर के मुकाबले रोजाना करीब 400 मरीज अधिक पहुंच रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि चुनावी ड्यूटी के दौरान कुछ डॉक्टरों की तैनाती अन्यत्र होने के कारण स्टाफ पहले ही कम था, अब उनकी वापसी के बाद भी संख्याबल पर्याप्त नहीं है।
अस्पताल अधीक्षक डा. सुधा भारती ने बताया कि अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी पहले से है। “लगातार बढ़ती मरीज संख्या को देखते हुए अतिरिक्त डाक्टरों की मांग स्वास्थ्य विभाग को भेजी गई है। ओपीडी लोड बढ़ने से कुछ वार्डों में भीड़ का दबाव बढ़ा है, लेकिन कोशिश है कि मरीजों को उचित सुविधा दी जा सके,” उन्होंने कहा। वहीं जीएमसीएच के एक वरिष्ठ प्रबंधक के अनुसार, आपरेशन थिएटर (ओटी) और इमरजेंसी में भी कर्मियों की कमी महसूस हो रही है, जिससे इलाज की गति प्रभावित हो रही है।
भीड़ से मरीजों की बढ़ी परेशानी
शहर के इंदिरा चौक निवासी निती कुमारी, बैरिया के रामू साह, नौतन के दीपक कुमार ने बताया कि सुबह 8 बजे लाइन में लगने के बाद भी उन्हें 11 बजे तक डॉक्टर नहीं मिले।
मातृ एवं शिशु वार्ड में बैठने की पर्याप्त जगह है। जिसके कारण पहले से भीड़ कम दिखाई देती है। बारी आने पर चिकित्सक इलाज करते है। लेकिन, एक-एक डॉक्टर के पास 150 से ज्यादा मरीज दिख रहे हैं। चिकित्सक की कमी से परेशानी होती है। पर्याप्त चिकित्सक होने से समय पर इलाज होगा।
सर्वाधिक दवा काउंटर पर भीड़
ओपीडी के मेडिकल स्टोर पर सोमवार को सर्वाधिक भीड़ नजर आया। दवा काउंटर पर मौजूद कर्मियों के अनुसार दवाइयों की मांग पिछले सप्ताह से 20 प्रतिशत बढ़ गई है। उनका कहना हैं कि जमीनी स्तर पर यह स्थिति बताती हैं कि चुनाव बाद स्वास्थ्य सेवाएं भले सामान्य होने लगी है। लेकिन, मानव संसाधन की कमी ने पूरे सिस्टम को दबाव में ला दिया है। ओपीडी में मात्र दो काउंटर दवा वितरण के लिए खुला गया है। जिसके कारण यहां दवा लेने के लिए लोगों की भीड़ लग रही है।

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