चचरी पुल के सहारे गौरीपुर और केसरिया गांव के ग्रामीण
नरकटियागंज प्रखंड अंतर्गत गौरीपुर एवं केसरिया गांव के ग्रामीण आज भी चचरी पुल के सहारे आवाजाही कर रहे हैं। दोनों गांवों के बीच से बहने वाली मनियारी नदी पर ग्रामीणों ने खुद के सहयोग से चचरी पुल बनाया है। ग्रामीण इस चचरी पुल के सहारे गौरीपुर से केसरिया गांव में आते-जाते हैं।
बेतिया । नरकटियागंज प्रखंड अंतर्गत गौरीपुर एवं केसरिया गांव के ग्रामीण आज भी चचरी पुल के सहारे आवाजाही कर रहे हैं। दोनों गांवों के बीच से बहने वाली मनियारी नदी पर ग्रामीणों ने खुद के सहयोग से चचरी पुल बनाया है। ग्रामीण इस चचरी पुल के सहारे गौरीपुर से केसरिया गांव में आते-जाते हैं। ग्रामीण अमरुद्दीन अंसारी ने बताया कि जन सहयोग से इस नदी पर चचरी पुल बनाकर सभी आवागमन करते हैं। इस नदी पर पुल बन जाए तो गौरीपुर केसरिया के अलावे नौतनवा, पचमवा एवं पीरारी गांव के लगभग 10 हजार से भी अधिक की आबादी को आने- जाने के लिए काफी सहूलियत मिलेगी। महिला ग्रामीण शबाना खातून ने कहा कि बरसात के दिनों में नदी पर बना यह चचरी पुल हर साल बाढ़ में बह जाता है। तब ग्रामीणों को शिकारपुर से होकर इनरवा होते हुए करीब 3-4 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी का चक्कर लगाकर गांव में जाना पड़ता है। बता दें कि गौरीपुर एवं केसरिया के ग्रामीण वर्षों से इस घाट पर छठ पूजा भी करते आ रहे हैं। तब यह चचरी पुल नदी के उस पार आने-जाने में मददगार होता है।
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किसी ने नहीं दिया ध्यान
गौरीपुर एवं केसरिया के ग्रामीणों का कहना है कि मनियारी नदी हर साल बरसात के दिनों में उफान पर रहती है। नदी में हल्का पानी आने पर कटाव शुरू हो जाता है। इसके साथ ही आस-पास के गांवों में पानी घुस जाता है। इस नदी पर चचरी पुल से स्थायी निदान दिलाने के लिए अब तक किसी जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया है।
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बयान
ग्रामीणों को सहूलियत मिले, इसके लिए पहल की जाएगी। पुल बनाने के लिए विधायक एवं सांसद से मांग की जाएगी।
सुनैना देवी, प्रखंड प्रमुख, नरकटियागंज।
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