बाघों का संसार दिखाएंगी 400 'आंखें', दिसंबर के दूसरे हफ्ते में वाल्मीकिनगर में होगी विशेष गिनती
Westchampara latest news : वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व में दिसंबर के दूसरे सप्ताह से बाघों की गणना शुरू होगी। इसके लिए वन विभाग के कर्मियों को प्रशिक्षण ...और पढ़ें

वन विभाग के सभागार में प्रशिक्षण लेते वन कर्मी । जागरण
संवाद सूत्र, वाल्मीकिनगर (पश्चिम चंपारण) । वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में दिसंबर के दूसरे सप्ताह से बाघों की गणना की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए शुक्रवार को वीटीआर के वन प्रमंडल दो स्थित वन विभाग सभागार में कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण के दौरान विभाग के वरिष्ठ बायोलाजिस्ट सौरभ वर्मा ने बताया कि केवल वीटीआर में ही नहीं, पूरे देश में एक साथ बाघों की गणना शुरू होगी। फरवरी माह तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान बाघों की गणना की तकनीक, सर्वे प्रक्रिया और कैमरा ट्रैपिंग के विस्तृत तरीके सिखाए जा रहे हैं।
गनौली, वाल्मीकिनगर और मदनपुर रेंज के लगभग 40 वनपाल, वनरक्षी एवं वन कर्मियों को बायोलाजिस्ट ने स्वचालित कैमरा लगाने की तकनीक विस्तार से समझाई। साथ ही कैमरे की बैटरी फिटिंग से लेकर उसे सुरक्षित तरीके से पेड़ों पर स्थापित करने की पूरी प्रक्रिया भी बताई।
वन क्षेत्र में प्रत्येक एक किलोमीटर पर एक स्वचालित कैमरा लगाया जाएगा, जिसे एक माह तक वहीं रखा जाएगा। उसके बाद डेटा विश्लेषण के लिए वहां से हटाया जाएगा।
धारी के आधार पर की जाएगी बाघों की पहचान
बाघों की गणना के लिए इस बार लगभग चार सौ स्वचालित कैमरे लगाए जाएंगे। कैमरा ट्रैपिंग से प्राप्त तस्वीरों में बाघों की पहचान उनके शरीर पर बनी काली धारियों के आधार पर की जाएगी। हर बाघ की धारी का पैटर्न अलग होता है, इसलिए तस्वीरों के विश्लेषण से बाघों की वास्तविक संख्या का सटीक निर्धारण किया जा सकेगा।
वन विभाग का कहना है कि कैमरा ट्रैपिंग तकनीक से प्राप्त आंकड़े न केवल बाघों की संख्या बताएंगे, बल्कि उनके आवागमन, गतिविधियों और निवास क्षेत्र के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएंगे, जिससे संरक्षण कार्य और मजबूत होगा।
वीटीआर के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डा. नेशामणि के.ने बताया कि नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन आथारिटी (एनटीसीए) द्वारा चार साल में एक बार बाघों की गणना कराई जाती हैं। ताकि देशभर के जंगलों में बाघों की संख्या पता चल सके।

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