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    Bihar News: बिहार में 30 महिलाओं को दी गई स्पेशल ट्रेनिंग, नए स्किल्स से चंद दिनों में बन सकती हैं मालामाल

    Updated: Mon, 20 Jan 2025 03:12 PM (IST)

    बिहार में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मशरूम की खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नौतन के गांधी ग्राम बनकटवा में आयोजित एक कार्यक्रम में 30 अनुसूचित जाति की महिलाओं को मशरूम की खेती करने का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें अपने परिवार का सहयोगी बनाना है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    संवाद सूत्र, नौतन। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर उन्हें जागरूक करना बहुत जरुरी है। ताकि महिलाएं भी मेहनत कर समाज में आगे बढ़ सके। उन्हें परिवार में सम्मान मिले।

    सोमवार को केविके माधोपुर के वैज्ञानिक डॉक्टर जगपाल ने गांधी ग्राम बनकटवा में आयोजित एक कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं के बीच कहीं।

    कार्यक्रम में 30 अनुसूचित जाति की महिलाओं को मशरूम की खेती करने को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को मशरूम का बीज दिया गया।

    महिलाओं को दिया गया है मशरूम का बीज

    वैज्ञानिक ने बताया कि महिलाओं को मशरूम का बीज व एक-एक कीट दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें आगे बढने का मौका देना है। ताकि वह महिला अपने परिवार का सहयोगी बनकर अपना आर्थिक स्थिति ठीक कर सके।

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    बच्चों की पढ़ाई में आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़े। महिला को खुद के लिए कभी कोई कार्य करने की जरुरत पड़े तो वह पति व परिवार के अन्य सदस्यों के आगे हाथ नहीं फैलाए।

    प्रशिक्षण को सफल बनाने में समग्र शिक्षण एवम् विकास संस्थान, बेतिया का सहयोग रहा। प्रशिक्षण में भाग लेने वाली महिलाओं में झौरी देवी, सरिता देवी, बेबी देवी, माला देवी, शांति देवी, मुस्मात दुलारी, चंदेश्वर राउत के साथ संस्था के इस्लाम, सत्यनारायण राम, सचिन नारायण शाही, आदि उपस्थित रहे।

    150 हेक्टेयर में होगी सब्जियों की खेती

    • दूसरी तरफ, किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार उद्यानिक फसलों और सब्जी की खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए किसानों को सस्ते दर पर बीज से लेकर पौधे तक उपलब्ध कराया जा रहा है।
    • इस साल सब्जी विकास योजना के अंतर्गत किसानों को कद्दू, नेनुआ, करेली, भिंडी और मिर्च की खेती के लिए 75 फीसद अनुदान पर बीजा दिया जा रहा है।
    • जिले में इन सब सब्जियों की 30-30 हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य रखा गया है। यानी इस साल डेढ़ सौ हेक्टेयर में इन सब्जियों की खेती की जाएगी।
    • किसान अनुदानित दर पर इन सब्जी के बीज को लेने के लिए उद्यान निदेशालय के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
    • हालांकि, उचित बाजार नहीं मिलने के कारण हाल के वर्षों में इसकी खेती का रकवा घटा है। लेकिन अब फिर से किसानों को अनुदानित दर पर पौधे उपलब्ध करा कर इसकी खेती का रकबा बढ़ने पर जोर दिया जा रहा है।

    तरबूज, खरबूज और बैगन के पौधे खरीदने पर मिलेगी छूट

    किसानों को इस बार अनुदानित दर पर तरबूज, खरबूज और बैगन के पौधे भी दिए जाएंगे। इन तीनों के तीन-तीन हजार पौधे किसानों के बीच बांटे जाएंगे।

    इन पौधों पर भी 75 फीसद का अनुदान मिलेगा। 80 से 90 हेक्टेयर में तरबूज, खरबूज और बैगन की खेती का लक्ष्य रखा गया है। बैगन की खेती पूरे जिले में की जाती है।

    योजना का लाभ के लिए करना होगा ऑनलाइन आवेदन

    सहायक निदेशक (उद्यान) प्रशांत कुमार ने बताया कि सब्जी विकास योजना के तहत किसानों को उद्यान वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन करना होगा।

    इसके लिए भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र, दो वर्ष पूर्व से अद्यतन राजस्व रसीद, वंशावली, एकरारनामा के आधार पर विधि मान्य भू-स्वामित्व का प्रमाण पत्र में से कोई एक उपस्थित करना अनिवार्य होगा।

    किसान का नाम भू-स्वामित्व, राजस्व रसीद में स्पष्ट नहीं होगा तो भू-स्वामित्व, राजस्व रसीद के साथ वंशावली लगाना अनिवार्य होगा। गैर-रैयत किसान एकरारनामा के आधार सब्जी विकास योजना का लाभ ले सकते हैं।

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