Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Narkatiaganj-Gorakhpur Rail Route: नरकटियागंज-गोरखपुर मार्ग पर महंगा सफर, ट्रेनें बंद और राह मुश्किल

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 03:40 PM (IST)

    नरकटियागंज-गोरखपुर रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद होने से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। बगहा से गोरखपुर के बीच ट्रेन सबसे सुरक्षित और सस्ता साधन था लेकिन अब बस से यात्रा करने पर ज्यादा खर्च आ रहा है। त्योहारों के समय में रेल सेवा बंद होने से घर लौटने वाले यात्रियों को भी दिक्कतें हो रही हैं।

    Hero Image
    नरकटियागंज-गोरखपुर मार्ग पर महंगा सफर, ट्रेनें बंद और राह मुश्किल

    संवाद सहयोगी, बगहा। नरकटियागंज-गोरखपुर रेलखंड पर पिछले कुछ दिनों से सवारी और कुछ एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया है, जिससे इस पूरे रेलखंड के स्टेशनों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। जब ट्रेनें ही नहीं चल रहीं, तो स्टेशनों पर यात्रियों की अनुपस्थिति स्वाभाविक है। बगहा से गोरखपुर के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए ट्रेन ही सबसे सुरक्षित, सस्ता और सुगम साधन था, लेकिन रेलवे प्रशासन द्वारा सवारी गाड़ियों को बंद किए जाने से लोगों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रेलवे के इस निर्णय से दैनिक यात्रा करने वाले यात्रियों के साथ ही लंबी दूरी तय करने वालों को भी खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है। पहले जहां यात्री 55 रुपये में गोरखपुर तक की यात्रा कर लेते थे, अब उन्हें बस या अन्य निजी साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे खर्च बढ़कर 300 रुपये तक पहुंच गया है। 22 सितंबर से सवारी गाड़ियों के बंद होने का असर त्योहार के इस सीजन में और ज्यादा दिख रहा है।

    यात्रियों और दुकानदारों को दोहरी मार

    यूपी का गोरखपुर, अब बगहा, रामनगर, वाल्मीकिनगर सहित आस-पास के क्षेत्रों के लोगों के लिए नजदीकी और प्रमुख शहर बन चुका है। लोग व्यवसाय, इलाज और आवश्यक खरीदारी के लिए गोरखपुर ही जाते हैं। खासकर चंपारण जिले के व्यापारी और मरीजों के लिए यह शहर अत्यंत जरूरी हो गया है, लेकिन अब रेल सेवा बंद होने के कारण लोगों को बसों का सहारा लेना पड़ रहा है, जो न सिर्फ महंगी है, बल्कि जोखिम भरी भी है।

    सुबह के समय को छोड़कर दिन के अन्य हिस्सों में बगहा से गोरखपुर के लिए सीधी बस सेवा नहीं मिलती। इसके लिए यात्रियों को 22 किलोमीटर दूर चौतरवा जाना पड़ता है, जहां से बसें उपलब्ध हैं।

    स्थानीय यात्री दिलीप प्रसाद, प्रमोद गुप्ता, महेश सिंह, अरविंद कुमार और प्रभाकर कुमार का कहना है कि रेल से यात्रा करना बेहद सस्ता था। दोनों तरफ का किराया 110 रुपये पड़ता था, जबकि अब बस से जाने में करीब 500 रुपये तक खर्च करना पड़ रहा है। इसके अलावा, कई बसें बिना वैध कागजात के चल रही हैं। जिससे सुरक्षा को लेकर भी यात्रियों में चिंता है।

    त्योहारों में घर वापसी बनी चुनौती

    त्योहारों का समय लोगों के लिए घर लौटने का होता है, लेकिन इस बार सवारी और एक्सप्रेस ट्रेनों के 30 सितंबर तक बंद रहने से हजारों प्रवासी यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जो लोग दूसरे राज्यों से घर लौटते हैं, उन्हें गोरखपुर पहुंचने के बाद बस से आगे की यात्रा करनी पड़ रही है।

    इस दौरान उनके पास कई तरह के सामान होते हैं, जिन्हें बस में चढ़ाने और उतारने में अतिरिक्त मेहनत के साथ-साथ अतिरिक्त किराया भी देना पड़ता है। ट्रेन के मुकाबले बस यात्रा असुविधाजनक और महंगी साबित हो रही है।

    स्थानीय लोगों की मांग, जल्द बहाल हो रेल सेवा

    क्षेत्रीय यात्रियों और व्यवसायियों की मांग है कि त्योहारों के इस संवेदनशील समय में रेलवे को पुनः सवारी गाड़ियों का परिचालन शुरू करना चाहिए। इससे न केवल यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि स्थानीय व्यापार, इलाज और अन्य गतिविधियों में भी सुगमता आएगी।

    रेलवे द्वारा इस निर्णय पर पुनर्विचार न किया गया तो आने वाले समय में नाराजगी और विरोध की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में रेलवे प्रशासन को यात्रियों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए तत्काल आवश्यक कदम उठाने चाहिए।