बेतिया से दिल्ली-कटरा जाने वालों की उमड़ रही भीड़, साप्ताहिक ट्रेन से नहीं चल पा रहा काम
त्योहारों और चुनावों के बाद उत्तर भारत जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। बेतिया जैसे स्टेशनों पर ट्रेनों में चढ़ना मुश्किल हो गया है। दिल्ली जाने वाली सप्तक्रांति और सत्याग्रह एक्सप्रेस में 20 दिसंबर तक कोई कमरा उपलब्ध नहीं है। यात्री जनरल कोच में यात्रा करने को मजबूर हैं। यात्रियों ने रेलवे से अतिरिक्त ट्रेनें चलाने की मांग की है ताकि Delhi-Katra रूट पर भीड़ कम हो।

वेस्ट चंपारण में नई ट्रेनों की मांग। फाइल फोटो
संवाद सूत्र, बेतिया। पर्व-त्योहार और विधानसभा चुनाव खत्म होते ही आनंद विहार समेत उत्तर भारत जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। बेतिया, नरकटियागंज सहित आसपास के स्टेशनों पर स्थिति इतनी जटिल हो गई है कि ट्रेनों में चढ़ने-उतरने के दौरान धक्का-मुक्की आम बात हो गई है।
स्टेशन परिसर में टिकट काउंटरों पर लंबी कतारें लगी हैं, जहां लोग घंटों इंतजार के बाद भी कन्फर्म टिकट पाने में सफल नहीं हो पा रहे। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए कई स्पेशल ट्रेनों का संचालन पहले से जारी है, फिर भी भीड़ पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।
रेलवे का कहना है कि त्योहारों के दौरान घर आए प्रवासी मजदूर और नौकरीपेशा वाले लोग अब वापस लौट रहे हैं, जिससे ट्रेनों में दबाव कई गुना बढ़ गया है। कयास लगाया जा रहा है कि भीड़ का यह दबाव आने वाले कुछ हफ्तों तक और बढ़ने की संभावना है, जिससे रेलवे और यात्री दोनों के लिए चुनौतियां बढ़ सकती हैं।
भीड़ के मद्देनजर बढ़ाया गया ट्रेन का ठहराव समय
बेतिया स्टेशन अधीक्षक विजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इन दिनों में बढ़ी हुई भीड़ को देखते हुए यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। भीड़ के कारण प्लेटफार्म पर चढ़ने-उतरने में अफरातफरी की स्थिति बन रही थी।
इसी वजह से स्टेशन प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि सभी ट्रेनों का ठहराव समय में दो मिनट से बढ़ाकर पांच मिनट किया जाए, ताकि यात्री बिना जल्दबाजी और धक्का-मुक्की के आराम से चढ़–उतर सकें। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था भीड़ सामान्य होने तक जारी रहेगी और इससे यात्रियों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
दिल्ली जाने वाली सत्याग्रह और सप्तक्रांति एक्सप्रेस में 20 दिसंबर तक नो रूम
दिल्ली रूट की सबसे लोकप्रिय सप्तक्रांति एक्सप्रेस और सत्याग्रह एक्सप्रेस में अगले 20 दिसंबर तक कोई बर्थ उपलब्ध नहीं है। तत्काल और प्रीमियम श्रेणी में भी लंबी प्रतीक्षा सूची दिखाई दे रही है। यात्री सामान्य और जनरल कोच में सफर करने को मजबूर हैं।
बैरिया निवासी संजीव राय, लड्डू कुमार और अनिल कुमार ने बताया कि दीपावली के समय घर आए थे, लेकिन अब वापस लौटने के लिए टिकट मिलना मुश्किल हो गया है।
उन्होंने कहा कि प्राइवेट नौकरी में इतनी लंबी छुट्टी का प्रावधान नहीं होता, इसलिए जल्दी लौटना जरूरी है। मजबूरी में वे जनरल बोगी में यात्रा करने या फिर स्लीपर में फाइन देकर किसी तरह सफर पूरा करने की बात कह रहे हैं।
दिल्ली व कटरा जाने वाली ट्रेनों में सबसे ज्यादा भीड़
बेतिया तथा आसपास के क्षेत्रों से दिल्ली और कटरा रूट की ट्रेनों में इन दिनों सबसे अधिक भीड़ देखी जा रही है। प्रवासी मजदूर, नौकरीपेशा लोग और त्योहार के बाद लौटने वाले यात्री बड़ी संख्या में इन ट्रेनों का उपयोग कर रहे हैं। स्थिति यह है कि बोगियों में पैर रखने तक की जगह नहीं बचती।
बेतिया से अमृतसर व कटरा के लिए चलने वाली साप्ताहिक ट्रेन भी इस भीड़ का मुख्य कारण बन रही है, क्योंकि सप्ताह में केवल एक दिन चलने वाली इस ट्रेन पर पूरा दबाव आ जाता है। लुधियाना जाने वाली यात्री नीति कुमारी, नितेश कुमार और बृज किशोर साह ने बताया कि दिल्ली व कटरा रूट की ट्रेनों में भारी भीड़ के कारण सफर करना मुश्किल हो गया है।
उनका कहना है कि साप्ताहिक ट्रेन होने के कारण टिकट मिलना लगभग असंभव हो जाता है। यात्रियों ने रेलवे से मांग की है कि अमृतसर और कटरा मार्ग पर अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जाएं या वर्तमान ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाए, ताकि लोगों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा मिल सके।

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