पश्चिमी चंपारण के रिहायशी इलाके में घुसा बाघ, आधी रात को शूटरों ने किया रेस्क्यू
पश्चिमी चंपारण में एक बाघ रिहायशी इलाके में घुस गया, जिससे अफरा-तफरी मच गई। वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आधी रात को शूटरों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। बाघ को सुरक्षित रूप से पकड़कर वन विभाग ने उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है, जिससे इलाके में शांति बहाल हुई।

जागरण संवाददाता, नरकटियागंज (पश्चिमी चंपारण)। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के मंगुराहा वन परिक्षेत्र से भटककर गौनाहा के रिहायसी इलाके में विचरण कर रहे बाघ को आखिरकार दो दिन के लगातार अभियान के बाद रेस्क्यू कर लिया गया है।
रविवार की रात लगभग 11 बजे सिसई गांव के सरेह में धान की रखवाली के लिए बने मचान से शूटरों ने उसे ट्रेंकुलाइज किया। दो दिनों से बाघ के सिसई सरेह इलाके में विचरण से ग्रामीणों में दहशत थी। सफल रेस्क्यू के बाद लोगों ने राहत की सांस ली और वन विभाग की टीम की सराहना की।
बाघ के ट्रेंकुलाइज होने के बाद डॉक्टर संजीव कुमार, राकेश कुमार और मनोज टोनी ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया। जांच में बाघ स्वस्थ पाया गया है। इसके बाद उसे रात में ही केज वैन से सुरक्षित रूप से पटना जू भेज दिया गया है।
बता दें कि वन विभाग ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन में कोई कसर नहीं छोड़ी। बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया गया। साथ ही दो प्रशिक्षित हाथियों की मदद से खेतों और झाड़ियों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
बाघ के रेस्क्यू अभियान का नेतृत्व सीएफ नेशा मणि ने किया। टीम में डीएफओ शिखर प्रधान, रेंजर सुनील कुमार पाठक सहित कई वनकर्मी शामिल थे। पटना से आए शूटरों ने बाघ को सटीक निशाने से ट्रेंकुलाइज किया।
करीब 10 वर्ष पुराने इस बाघ को देखकर मौके पर मौजूद कर्मियों के रोंगटे खड़े हो गए। रेंजर सुनील कुमार पाठक ने बताया कि बाघ का सफल रेस्क्यू कर लिया गया है।
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